हमने भी सीखा- 19
मुक्तक
दिल में उतर जाती थीं तेरी बातें
अब तो सुनने की प्रतीक्षा में दिन गुजरता है
दिल को सहलाने में रातें
थोड़ा-सा मुस्कुरा दो,
मन-मयूर नाच उठेगा,
खुशियां खुश हो नृत्य करेंगी,
आनंद भी तब साथी बनेगा.
स्वागत है मन से आपका,
बने रहें दिल में हरदम,
मिले सदा खुशियों का तोहफा,
मान-सम्मान भी पड़े न कम.
धन्यवाद है उस भगवन का,
जिसने जग उपजाया,
धन्यवाद है हर उस जन का, जिसने अपना बनाया
अपनेपन का अनुपम आनंद, मन को हर्षित करता
धन्यवाद करने का मधुरिम, भाव है मन में भरता