हमने भी सीखा- 20
मुक्तक
- इतनी भी मजबूरी क्या
कि मिल न सको
एक संदेश ही काफी है
हमारे जीने के लिए
2. जन्मदिवस की अनुपम बेला,
लाई खुशियों का आगार,
देखे जो सपन सलोने प्यारी,
दुआ हमारी हों साकार.
मुक्तक
2. जन्मदिवस की अनुपम बेला,
लाई खुशियों का आगार,
देखे जो सपन सलोने प्यारी,
दुआ हमारी हों साकार.