मुक्तक/दोहा

हमने भी सीखा- 20

मुक्तक

  1. इतनी भी मजबूरी क्या
    कि मिल न सको
    एक संदेश ही काफी है
    हमारे जीने के लिए

2. जन्मदिवस की अनुपम बेला,
लाई खुशियों का आगार,
देखे जो सपन सलोने प्यारी,
दुआ हमारी हों साकार.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244