कविता

पापा

पापा होते सबके प्यारे
आँखों से समझ जाया करते
जब हम कुछ सोचते
उससे पहले समझ जाया करते
सबकी जररूत पूरी करते
अपने बारे में नहीँ सोचते
दूसरों में ही खुशी पाया करते
जब  भी मन होता उदास
कह कर ये समझाया करते
किसी भी हाल में रहो
खुश हमेशा रहना
कह कर समझाया करते
मेरे पापा सबसे निराले
आँखो से समझ जाया करते
जीना है दूसरों के लिए
अपने लिए तो सब जीते है
अगला जन्म कहीं भी हो
आपकी की ही गोद मिले
आपका ही नाम मिले
पापा होते सबके प्यारे
आँखों से समझाया करते
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश