कविता

गम

गम तो बहुत दिए जिंदगी ने मुझे
क्या हुआ मैंने किसी को नहीं  बताये
मैं हँसता रहा मुस्कराता रहा
कभी किसी से कुछ छिपा रहा
किस्मत ने भले मुझे ग़मों  में रखा
नहीँ पानी थी मुझे किसी की दुआ
इसलिये मैंने सभी को वहम में रखा
पता ही नहीं चला अपने कब बेगाने हो गए
अब तो सब अपने आप में मशगूल हो गए
भाग दौड़ की ज़िंदगी में  सब व्यस्त हो गए
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश