राजनीति

प्रदेश मेें अब पर्यटन व संस्कृति विकास की बहेगी वास्तविक बयार

प्रदेश में नई सरकार का गठन होने के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ प्रदेश के समग्र विकास का खाका तैयार करने में व्यस्त हो चुके हैं तथा प्रतिदिन वह किसी न किसी विभाग की आगामी सौ दिनों की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे रहे हैं और दिशा निर्देश दे रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ जब प्रदेश के पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, उस कार्यकाल में भी प्रदेश में पर्यटन व संस्कृति के विकास के लिए बहुत सी योजनाएं शुरू की गयी थीं, जिनका अब सुधार करके कायाकल्प और विस्तार दिया जा रहा है तथा उन योजनाआंे में नये आयाम जोडे़ जा रहे हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में एक जिला एक पर्यटन केंद्र योजना की शुरूआत हुई थी, लेकिन कोविड महामारी सहित कई बाधाआंे के कारण यह धरातल पर नहीं उतर सकी थीं, जिसे अब धरातल पर उतारा जायेगा। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के समस्त धार्मिक केंद्र व सांस्कृतिक केंद्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर छा जायेंगें। पर्यटन के माध्यम से युवाओं को रोजगार के नये अवसर भी मिलेेंगे तथा स्थानीय लोगांे की आर्थिक हालत मंे भी सुधार होगा और प्रदेश की नयी वैश्विक पहचान भी बनेगी। पिछली योगी सरकार में अयोध्या पर सुप्रीम फैसला आने के बाद अयोध्या में हर दीपावली के अवसर पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। मथुरा-वृंदावन में होली का भी आयोजन भव्य तरीके के साथ किया गया। प्रदेश में तीर्थस्थलांे के विकास के लिए व्यापक योजनाएं बनायी गयीं, जिन्हें अब पटरी पर उतारे जाने का समय आ गया है। विगत सरकार के कार्यकाल में सावन माह में काँवड़ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों पर पुष्पवर्षा की गयी थी, यह आयोजन इस बार भी किया जायेगा।
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पर्यटन विकास को और गति देने की तैयारी चल रही है और अगले सौ दिनांे में 145 परियाजनाओं का लोकार्पण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आगामी सौ दिनों में जनजातीय संग्रहालय के लिए शिलान्यास, अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय के लिए भूमि चयन, प्रयागराज के पांडुलिपि पुस्तकालय में पांडुलिपि रिसोर्स सेंटर की स्थापना का लक्ष्य पूरा करने का संकल्प लिया जा चुका है। दोबारा सरकार आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अयोध्या पहुंचे तब उन्होंने वहां के सभी मठ, मंदिरों व धर्मशालाओं को टैक्स फ्री करके एक बहुत बड़ा उपहार दिया है। योगी जी की घोषणा के चलते अयोध्या अने वाले सभी रामभक्त श्रद्धालुओं को सस्ती सुविधाएं मिल सकेंगी। बहुत दिनों बाद रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में होने वाले राम जनमोत्सव का दूरदर्शन की ओर से सीधा प्रसारण किया गया।
प्रदेश सरकार अब धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन की पताका हर शहर हर गांव में फहराने की योजना बना चुकी है। विगत कार्यकाल में योगी सरकार ने 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस की शुरूआत की थी, अब उसी तर्ज पर अब हर जिले का स्थापना दिवस या जिला महोत्सव आयोजित किया जायेगा। यह महोत्सव हर गांव और हर शहर में आयोजित होगा। प्रत्येक जिले में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के गठन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं। प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं बनायी जा रही हैं।
पर्यटन संस्कृति धर्मार्थ कार्य सूचना और भाषा विभाग ने अपनी योजना का प्रस्तुतीकरण कर दिया है। प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने रामायण परंपरा की कल्चरल मैपिंग कराने का निर्देश भी दिया है। राम वनगमन पथ पर रामायण वीथिकाआंे का निर्माण कराया जायेगा। रामायण सर्किंट, बुद्ध सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, शक्तिपीठ सर्किट, कृष्ण ब्रज सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, महाभारत सर्किंट, सूफी कबीर सर्किट, क्राफ्ट सर्किट, स्वतंत्रता संग्राम सर्किट, जैन सर्किट के काम जल्द पूरा करने के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली विकसित की जायेगी। इसके तहत मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी आनलाइन उपलब्ध हो सकेगी।
सबसे बड़ी बात यह है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के सभी 75 जिलों के समृद्ध इतिहास से परिचय कराने के लिए 75 पुस्तकोेें का प्रकाशन कराया जायेगा। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयोेें से गौरव गैलरी की स्थापना कराने पर बल दिया गया है। इस गैलरी में विश्वविद्यालय से संबंधित क्षेत्र के महापुरुषों और ऐतिहासिक घटनाआंे से जुड़ी तमाम सामग्री और साहित्य को संग्रहीत किया जायेगा। प्रदेश के समग्र विकास का संदेश देने के लिए प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर और वाराणसी में भजन संध्यास्थल का भी निर्माण कराया जायेगा। लखनऊ में महाराज बिजली पासी के किले पर लाइट एंड साउंड शो की शुरुआत आगामी सौ दिनांे मंेे कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्र्रकार ऐसी बहुत सी योजनाएं बनायी जा रही हैं जिससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन का विकास होने पर युवाआंे को रोजगार मिलेगा और प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन लोकल फॉर ग्लोबल का भी विस्तार हो सकेगा। प्रदेश के सभी धार्मिक केंद्रों को रेल व हवाई उड़ानांे के माध्यम से लगातार जोड़ा जा रहा है। योगी सरकार में आस्था के सम्मान को बढ़ावा देने के लिये लगातार निर्णय लिये जा रहे हैं।
जब हर गंाव व हर शहर का स्थापना दिवस मनाया जायेगा तो वह दिन गौरव बोध का दिन होगा, जिससे न सिर्फ हर्ष एवं उल्लास का वातावरण बनेगा अपितु स्थानीय स्तर पर सांस्कृतिक कलाकारों को मंच भी प्रदान करेगा। अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयागराज में एक नयी पर्यटन संस्कृति विकसित हो चुकी है जिसका अब प्रदेश के हर गांव व शहर में विकास किया जायेगा जिससे खुशहाली अयेगी और सभी लोग अपने सही व असली इतिहास व संस्कृति से परिचय प्राप्त कर सकंेगे। अयोध्या में हर वर्ष आयोजित होने वाला दीप-पर्व इस बात का उदाहरण है कि कैसे कोई एक उत्सव एक जिले को एक सूत्र में बांध देता है।
जिलांे के इतिहास लेखन के माध्यम से हम सभी अपने वास्तविक इतिहास से परिचित हो सकेंगे अभी तक हम सभी को एक विस्मृत व आधा अधूरा इतिहास ही पढ़ाया जा रहा है। लेकिन समय आ गया है कि हम लोग अपने सही इतिहास का जाने समझें और उस पर गर्व करें।
— मृत्युंजय दीक्षित