मां
मां से ही जीवन ,
मां से ही सारी खुशियां,
बिन मांगे मेरी जो मुराद पूरी कर दे,
कोई और नहीं,
मेरी मां है।
मां का किन शब्दों में करूं मैं गुणगान,
जिस ने दिया मुझे अच्छा संस्कार,
जिसके आशीर्वाद से आज मैं जो कुछ भी हूं,
कोई और नहीं,
मेरी मां है।
मां का प्यार अमृत की वर्षा,
मां की डांट में भी शहद टपकता,
मेरे चेहरे पर ना आए कोई शिकन,
मेरे होठों पर जो मुस्कुराहट बिखेरे दे,
कोई और नहीं, मेरी मां है।
दिली इच्छा है मेरी मां !
हर जन्म में मां ! मैं तुझको ही पाना चाहूं,
मेरे उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना जो दिन –रात करें,
कोई और नहीं,
मेरी मां है।
— चेतना चितेरी