कविता

माँ

माँ मेरी ममता की मूर्ति है
माँ तेरा आँचल निर्मल है
तुमसे ही मेरी पहचान है
प्रेम और करुणा का सागर है
माँ है तो जन्नत दुनियां है
माँ संस्कारों की पहचान है
माँ करुणा ममता का समर्पण
जीवन मेरा माँ को अर्पण
माँ का आँचल सुकून देता है
माँ से  बढ़कर कोई नहीँ होता
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश