ग्लोबल कोविड-19 सम्मिट 2022
वैश्विक स्तरपर कोविड-19 महामारी का कहर जिस तरह पूरी दुनिया ने झेला और लाखों लोगों ने अपने प्राण खोए, जीवन चक्र के हर क्षेत्र को बाधित किया, इतिहास के पन्नों में दर्ज इस घटनाक्रम को पीढ़ियों तक याद किया जाएगा परंतु कुछ अपवादों को छोड़ दें तो इस महामारी को करीब-करीब नियंत्रित कर लिया गया है परंतु इसे यूं ही छोड़ देने से अब काम नहीं चलेगा। दुनिया ने कोरोना काल में बहुत कुछ खोया है। महामारी नें लोगों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है इस तनाव का समाधान किए जाने को रेखांकित करना जरूरी है जिससे महामारी की टेंशन को दूर किया जा सके, वैश्विक समुदाय को कैसे अपने प्रयास दोगुने कर यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे किसी अन्य महामारी के लिए दुनिया तैयार है। अब महामारी को भी मौजूदा चुनौतियों के समाधान के लिए नए कदमों को बढ़ावा देना होगा – एक मजबूत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र विकसित करना होगा, एक रणनीतिक रोडमैप के साथ चलना होगा ताकि स्वास्थ्य और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति चयन को बाधित होने से बचाया जा सके इसीलिए ही अमेरिका ने पहले ग्लोबल कोविड-19 सम्मिट के आयोजन की शुरुआत 27 सितंबर 2021 से की थी और आज 12 मई 2022 को दूसरा वर्चुअल सम्मिट हुआ जिसमें भारतीय पीएम सहित अनेक महानुभवों ने हिस्सा लिया जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन द्वारा की गई।
बात अगर हम कोविड -19 महामारी पर नियंत्रण की करें तो इस लड़ाई में भारत की भूमिका वैश्विक स्तरपर महत्वपूर्ण रही और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम आज भी भारत में शुरू है। पीआईबी के अनुसार दिनांक 12 मई तक भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 190.83 करोड़ (1,90,83,96,788) से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 2,38,04,578 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है। 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16 मार्च, 2022 को प्रारंभ हुआ था। अब तक 3.10 करोड़ (3,10,92,227) से अधिक किशोरों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई गई है। समान रुप से 18-59 आयु वर्ग के लिये प्रीकॉशन खुराक भी 10 अप्रैल,2022 को प्रारंभ की गई थी।
बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा सम्मिट में संबोधन की करें तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार उन्होंने कहा, भारत डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित चार टीकों का निर्माण करता है और इस वर्ष 5 बिलियन खुराक का उत्पादन करने की क्षमता रखता है। बीते महीने हमने अपने सदियों पुराने ज्ञान को दुनिया को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत में डब्ल्यूएचओ सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की नींव रखी थी। यह स्पष्ट है कि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया कीआवश्यकता है।उन्होंने कहा कि हमारा वैक्सीनेशन कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है। हमने लगभग 90 फ़ीसदी वयस्क आबादी और 50 मिलियन से अधिक बच्चों को पूरी तरह से टीका लगाया है। भारत डब्ल्यूएचओ से मंजूरी पाने वाली चार वैक्सीनों का निर्माण कर रहा है, इस साल हमारी 5 बिलियन डोज का उत्पादन करने की क्षमता है, इसके साथ हमने 98 देशों में करीब 200 मिलियन वैक्सीन की डोज भेजी हैं। हम भारत में हजारों लोगों की जान बचाने के लिए पारंपरिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। हमें एक लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला कानिर्माण करना चाहिए और टीकों और दवाओं तक समान पहुंच को सक्षम बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, डब्ल्यूटीओ, खास तौर पर ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा नियमों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समझौता) के नियमों को ज्यादा लचीला बनाने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ में अनिवार्य तौर पर सुधार होना चाहिए और इसे ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को ज्यादा उपयोगी बनाया जा सके।
पीएम की यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि भारत दूसरे देशों को खाद्य आपूर्ति बढ़ाने पर जोर दे रहा है। कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद दुनिया में खाद्य संकट पैदा होने के आसार हैं। पीएम से पहले विदेश मंत्री ने वैश्विक मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है कि भारत दुनिया को खाद्यान्न संकट से लड़ने में मदद करने को तैयार है लेकिन पहले डब्ल्यूटीओ को अपने नियम बदलने होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने, हमने इस ज्ञान को विश्व को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत में पारंपरिक चिकित्सा के डब्ल्यूएचओ केंद्र की नींव रखी। उन्होंने कहा कि अधिक लचीला स्वास्थ्य सुरक्षा संरचना बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ में सुधार और मजबूती की जानी चाहिए। भारत इस प्रयास में अहम भूमिका निभाने को तैयार है।
बात अगर हम अमेरिकी प्रेसिडेंट द्वारा संबोधन की करें तो कोरोना पर दूसरे वैश्विक वर्चुअल सम्मेलन की मेजबानी करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, एक राष्ट्र के तौर पर हमें इस तरह के दुख से नहीं घबराना चाहिए। इससे उबरने के लिए हमें याद रखना चाहिए कि इस महामारी के खिलाफ सतर्क रहना है और ज्यादा से ज्यादा जिंदगियों को बचाने के लिए वह सबकुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। अमेरिका में महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख तक पहुंचने के बीच राष्ट्रपति नें कहा कि कोरोना महामारी से घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ग्लोबल कोविड सम्मिट 2022 संपन्न हुआ। महामारी की मौजूदा चुनौतियों के समाधान के लिए नए कदमों को बढ़ावा देना होगा। मजबूत वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा तंत्र विकसित करना होगा। कोविड-19 से लड़ाई में भारत की वैश्विक स्तरपर महत्वपूर्ण भूमिका है। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम भारत में अभी भी शुरू है।
— किशन सनमुखदास भावनानी