बादल छाये
छन्न पकैया छन्न पकैया, काले बादल छाये।
जोर जोर से बिजली चमके, सँग में बारिश लाये।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, मेंढक शोर मचाते।
उछल कूद करते हैं दिनभर, घर में भी घुस जाते।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, आती है हरियाली।
नये नये से उगते पौधे, सुंदर दिखती डाली।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, झम झम गिरता पानी।
दुबके बैठे बंदर सारे, करे नहीं शैतानी।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, गिरते हैं जब ओले।
पशु पक्षी सब चुप हो जाते, अपना मुँह ना खोले।।
— प्रिया देवांगन “प्रियू”