कविता

नमक

जीवन में नमक
या नमक में जीवन,
कुछ भी कहिए,
पर नमक महत्वपूर्ण है,
नमक का काम तो
हमारे बिना चल जायेगा,
पर हमारे जीवन में नमक के बिना
कुछ खालीपन सा नजर आयेगा।
नमक हमारे स्वाद ही नहीं
स्वास्थ्य की भी जरूरत है,
नमक के बिना खानपान में
कहाँ वो लज्जत है।
मगर कहते हैं न
कि अधिकता हर चीज की बुरी है,
फिर भला नमक कहाँ इससे बरी है।
नमक का भी समयानुसार अपना महत्व है
कभी कम तो कभी ज्यादा इसकी कीमत है।
नमक की कीमत क़र्ज़ चुकाने
नमक का वास्ता देकर
विश्वास दिलाने के काम आता है।
नमक पूज्यनीय भी है,
इसीलिए पैरों के नीचे न पड़े
इसका भी ख्याल रखा जाता है,
नमक ही है जो हर किसी घर में
अमीर, गरीब, राजा, रंक या भिखारी के
भोजन में शामिल हो अपना महत्व बताता है।
नमक की बदौलत ही जाने कितनों का
पेट भर रोज रोज भरता है,
गरीब इंसान रोटी नमक, चटनी,
प्याज के साथ खाकर भी
फाइव स्टार होटल से कम आनंद नहीं पाता है,
क्योंकि उसे केवल सूखी रोटी से
पेट तो नहीं भरना पड़ता है।
तब वह नमक का धन्यवाद करता
चैन की नींद सो जाता है,
वह खुद को भाग्यशाली मानता है
क्योंकि उसे भी पता है
बहुतों की किस्मत में तो
ये नमक भी नहीं होता है।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921