सामाजिक

अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस 30 जुलाई 2022 पर विशेष

सृष्टि सृजनकर्ता नें अनमोल खूबसूरत मानवीय जीव को इस अनमोल धरा पर अनमोल बौद्धिक क्षमता का धनी बनाया!! फिर इस मानवीय जीव नें अपनी बौद्धिक क्षमता को खूब निखारा और इस हद तक पहुंच गया कि अपने सृजनकर्ता को ही एक तरह से विज्ञान के रूप में चुनौती देने पर उतारू हो गया है। परंतु इसी मानवीय जीव का अगर हम दूसरा पक्ष देखें तो अपने सृजन से ही एक अनमोल रिश्ते नातों की श्रंखला की चैन बनाया है जैसे पैदा होते ही उसे जन्म देने वाले माता-पिता भाई-बहन चाचा चाची नाना-नानी पति-पत्नी सहित अनेकों रिश्तो की एक डोर बनाई है परंतु इन सबसे हटकर एक अन्य महत्वपूर्ण रिश्ता बनाया जिसे मित्र, दोस्त, फ्रेंड सहित अनेक नामों से पुकारा जाता है यह रिश्ता बहुत प्यारा होता है जिसका मूल्य समय आने पर उपरोक्त रिश्ते नातेदारी से भी महत्वपूर्ण ज्ञात होता है, जब विपत्तियों में उसका साथ मिलता है जिसका हमने जीता जाता उदाहरण अभी दो वर्ष पूर्व से देख रहे हैं कि कोविड-19 जैसी गंभीर महामारी में इस दोस्त रूपी अनमोल रिश्तो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि रिश्तेनाते रिश्तेदारों के भी पीछे हटने की नौबत आन पड़ी थी। चूंकि 30 जुलाई 2022 को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस है, हालांकि भारत में मित्रता दिवस 7 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा, इस विषय को नजर अंदाज करना साहित्यकार के लिए कठिन है इसीलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से मित्रता पर चर्चा करेंगे।
बात अगर हम मित्र की करें तो, जीवन में मित्र का होना बहुत जरूरी है। एक मित्र ही होता है जिसके साथ हम बहुत कुछ बाँट सकते हैं। जो हमारे कई राजों का राजदार होता है। वो मित्र एक पिता हो सकता है, एक पत्नी हो सकती है, कुदरत हो सकती है। कोई भी हमारा मित्र हो सकता है बस जरूरत है तो उसे दिल से अपनाने की जीवन में सभी को एक सच्चे दोस्त की ज़रूरत पड़ती है जिसके साथ वह सुख दुःख बाँट सके। मित्रता एक ऐसा खूबसूरत रिश्ता है जिसे मनुष्य स्वंग बनाता है। बुरे समय में सच्चा मित्र हमे सही उपाय बताता है जिसकी वजहसे हम मुसीबत से निकल पाते है। सच्चा मित्र हमे गलत राह पर चलने से रोकता है और सही सलाह देता है।
बात अगर हम सच्चे मित्र की करें तो, मित्रता अनमोल रत्न के समान  होती  है। जीवन में सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य से कम नहीं होता है। वह मनुष्य के सुख को बढ़ा देता है और उसके दुःख को बाँट लेता है। सच्चा मित्र मुश्किल घड़ी में अपने दोस्त का साथ देता है। सच्चा मित्र हो तो जिन्दगी के मुश्किल भरे पल भी सरल हो जाते है। भगवान् श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसाल सभी देते है। उनकी मित्रता का उदाहरण आज भी  दिया जाता है।  मित्रता में कोई भेदभाव नहीं होता है। कौन कितना अमीर है , कौन कितना गरीब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। सच्चा मित्र रोशनी की भाँती अपने मित्र को  सही राह दिखाता है।सच्चा मित्र का साथ ऐसा होता है जैसे अँधेरे में रोशनी और मुश्किल हालतों में हौसला।
मुश्किल हालातों में सच्चा मित्र हमेशा साथ देता है और अपने मित्र को संभालता है। जीवन के मुश्किलों को सरल एक सच्चा मित्र बना सकता है। वह अपने मित्र का हमेशा भला चाहता और उसकी परवाह करता  है। सच्चे मित्र की कदर हमेशा करनी चाहिए। एक सच्चा मित्र जीवन में मानसिक संतुष्टि लाता है। वह हमारी खामियों को नज़र अंदाज़ करके हम जैसे है वैसे ही अपनाता है।  सच्चा मित्र सही माईनो में अनमोल रत्न और कीमती संपत्ति के भाँती होते  है।संपत्ति और धन को वापस पाया जा सकता है , लेकिन सच्चे मित्र की मित्रता खोने से वह वापस नहीं आती है।
बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की करें तो, वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की थीम दोस्ती के माध्यम से मानवीय भावना साझा करना पर आधारित है। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को दोस्ती को बढ़ावा देने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों को आयोजित करने के लिए सरकारों और सामुदायिक समूहों को प्रोत्साहित करके शांति, एकता, सहयोग और खुशी के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए चुना है। हालांकि भारत में फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है, इस साल भारत में फ्रेंडशिप डे 7 अगस्त को मनाया जाएगा।
दरअसल, इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे एक पहल है, जिसके बाद यूनेस्को द्वारा शांति की संस्कृति को परिभाषित करने वाले प्रस्ताव का अनुसरण किया जाता है। दुनिया भर में खुशी और एकता के संदेश को फैलाने के लिए एक आदर्श समाधान के तौर पर यह दिवस अस्तित्व में आया. इस दिन लोग अपने लॉन्ग डिस्टेंस फ्रेंड्सके साथ मिलकर हैंग आउट  पार्टी या फिर शॉर्ट ट्रिप कीयोजना बनाकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं, ऐसा करके लोग अपनी दोस्ती के रिश्ते को मजबूत और इस दिवस को यादगार बनाने की कोशिश करते हैं।
बात अगर हम संस्कृति के श्लोकों में मित्रता के बखान की करें तो,(1) चन्दनं शीतलं लोके,चन्दनादपि चन्द्रमाः ! चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः !! इस दुनिया में चन्दन को सबसे अधिक शीतल माना जाता है पर चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होती है लेकिन एक अच्छे मित्र चन्द्रमा और चन्दन दोनों से शीतल होते है| (2) न सख्यमजरं लोके हृदि तिष्ठति कस्यचित्। हमेशा किसी भी मनुष्य के हृदय में मित्रता नहीं बनी रहती है। मित्रता या तो समय के साथ कम हो जाती है या क्रोध के कारण समाप्त हो जाती है। न दरिद्रो वसुमतो नाविद्वान् विदुषः सखा।
बात अगर हम अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के इतिहास की करें तो, विश्व मैत्री दिवस का विचार पहली बार 1958 में पराग्वे में डॉ. रेमन आर्टेमियो ब्राचो द्वारा सुझाया गया था। इससे विश्व मैत्री धर्मयुद्ध का गठन हुआ। इस फाउंडेशन के प्रयासों के कारण, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने 30 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मान्यता दी। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्र इस दिनको स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। 1998 में, विन्ने द पूह को संयुक्त राष्ट्र में एक कार्यक्रम में मैत्री के वैश्विक राजदूत के रूप में नामित किया गया था।
इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के जश्न को साल 2011 में शुरु किया गया था, जब संयुक्त राष्ट्र ने लोगों के बीच एकता और विश्वास के सबसे प्रसिद्ध रूप यानी दोस्ती और उसके महत्व को मजबूत बनाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया था। आधिकारिक निकाय चाहता था कि लोग गरीबी, दरिद्रता प्रदूषण, बेरोजगारी, भूख और बीमारी से ग्रसित दुनिया के समस्याग्रस्त परिदृश्य के बीच इन संबंधो व सुंदर बंधनों का जश्न मनाएं. फ्रेंडशिप डे दुनिया भर में दयालुता और एकजुटता के साथ चिह्नित करने का एक उत्सव है,  जो लंबे समय तक जीवित रहने और पनपने के लिए बेहतर जगह बनाता है। अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस एक संयुक्त राष्ट्र (यूएन) दिवस है जो उस भूमिका को बढ़ावा देता है जो दोस्ती कई संस्कृतियों में शांति को बढ़ावा देने में निभाती है। किसी ने खूब कहा है,
एक चिंगारी आग से कम नहीं होती,
सादगी श्रृंगार से कम नहीं होती,
ये तो सिर्फ सोच का फर्क है,
वरना दोस्ती भी प्यार से कम नहीं होती।।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस 30 जुलाई 2022 पर विशेष है।दोस्ती के माध्यम से मानवीय भावना साझा करना जीवन जीने की अनमोल कला है,चलो इस बार कुछ ऐसा अनमोल फ्रेंडशिप डे मनाते हैं, आपसीी दुश्मनी को भुलाकर सभी को गले लगाते है।
— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया