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जय शंकर प्रसाद पुरुस्कार से सम्मानित विष्णु सक्सेना

गाजियाबाद के वरिष्ठ कवि व कहानीकार विष्णु सक्सेना को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ से 2021 के लिए उनके दूसरे खंड काव्य ” सुनो राधिके सुनो” के लिए ” जय शंकर प्रसाद” पुरुस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके लिए उन्हें 75000 रुपए के पुरुस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
सक्सेना जी पेशे से इंजीनियर हैं व सन 2000 में एच एम टी पिंजौर से डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद से सेवा निवृत होकर पहले पत्रकारिता व साहित्य सेवा में लगे हुए हैं। इससे पहले उनका काव्य संग्रह बैंजनी हवाओं में तथा खंड काव्य अक्षर हो तुम राज्य श्रेष्ठ कृति के रूप में हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरुस्कृत हो चुके हैं। उनके अब तक 4 काव्य संग्रह बैंजनी हवाओं में, गुलाब कारखानों में बनते हैं,सिहरन सांसों की व धूप में बैठी लड़की,दो कहानी संग्रह बड़े भाई व वापसी एक लघु कथा संग्रह एक कतरा सच तथा दो खंड काव्यअक्षर हो तुम व सुनो राधिके सुनो प्रकाशित हो चुके हैं। तथा 45 संकलनों में उनकी कविताएं, कहानियां व समीक्षाएं प्रकाशित हो चुकी हैं।
एच एम टी पिंजौर के मुख गीत “पिंजौर गीत” के वह रचयिता हैं। उनके ऊपर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 3 लघु शोध प्रबंध कहानीकार विष्णु सक्सेना, विष्णु सक्सेना व्यक्तित्व व कृतित्व, अक्षर हो तुम में मानव मूल्य किए जा चुके हैं व अब कर्नाटक विश्वविद्यालय से एक विद्यार्थी उन पर पीएचडी कर रहा है। उन्हें मानव संसाधन विभाग भारत सरकार द्वारा 2000 में राष्ट्रीय सहस्राब्दी सम्मान व कालका प्रशासन द्वारा टैगोर अवार्ड से व अनेकों संस्थाओं द्वारा विभिन्न सम्मानों से नवाजा जा चुका है।उन्होंने 1973 से एक लघु पत्रिका का भी संपादन किया था जिसे 1975 में आपातकाल के दौरान बंद करना पड़ा।

विष्णु सक्सेना

पिता - स्व ;महाशय विशम्बर दयाल माता -स्व ;श्रीमती कौशिल्या देवी जन्म -26 जनवरी 1941 ,दिल्ली शिक्षा -,डी एम् ई आनर्स रूडकी विश्वविद्यालय 1964 सम्प्रति -सेवा निवृत डिप्टी चीफ इंजिनियर एच एम् टी पिंजोर ; अब स्वतंत्र लेखन ; राज्य श्रेष्ठ कृति -बैंजनी हवाओं में [काव्य संग्रह ] भाषा विभाग हरियाणा द्वारा [1972] ;अक्षर हो पुरुस्कार तुम [खंड काव्य ] हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2014 ; पुरुस्कृत कहानियाँ -वापसी [1996] ,चमक आत्म सम्मान की [1997] ,मुक्ति एक बोन्जाई की [1999] तीनो कहानियां हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा पुरुस्कृत लघु शोध प्रबंध -विष्णु सक्सेना –व्यक्तित्व व कृतित्व [1998] कुसुम लता द्वारा :कहानीकार विष्णु सक्सेना [2004] अनीता नयन द्वारा : अक्षर हो तुम में मानव मूल्य [2017] कृषण चंदर द्वारा ; सभी कुरुषेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा से एम् फिल के लिए स्वीकृत सम्मान -राष्ट्रीय हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान [2000] मानव संसाधन मंत्रालय नई दिल्ली : व अन्य सम्पादन -कलादीप [लघु पत्रिका ]1973 से 1975 तक :चित्रांश उदगार [एकता अंक ]सितम्बर 1997 मौलिक कृतियाँ -काव्य संग्रह –बैंजनी हवाओं में 1976, गुलाब कारखानों में बनते हैं 1995,धूप में बैठी लड़की 2010 .सिरहन सांसों की 2013 :खंड काव्य –अक्षर हो तुम 2013 ,सुनो राधिके सुनो 2021 : कहानी संग्रह _बड़े भाई 1995 ,वापसी 2003 : लघु कथा संग्रह _एक कतरा सच 2018 सम्पर्क -एस जे 41 , शास्त्री नगर ,गाज़ियाबाद 201002 उ प्र : मो - 9896888017 ई मेल -vishnusaxena26@yahoo.com