सामाजिक

“स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर”अभियान

अन्तर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस हर देश में प्रतिवर्ष  सितंबर के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 17 सितंबर, 2022 को भारत सरकार अन्य स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय समाज के साथ मिलकर भारत के पूरे समुद्र तट पर स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर पर स्वच्छता अभियान चलाएगी। क्योंकि समुद्र और महासागरों से मानवीय जीवन जुड़ा हुआ है, क्योंकि इनके द्वारा प्रदत्त प्राकृतिक संपदा से मानव समाज अति लाभान्वित होता है इसलिए मानव समाज का यह प्राथमिक कर्तव्य बनता है कि इसके तटीय इलाकों को स्वच्छ रखकर इनकी सुरक्षा,साफ सफाई रूपी यज्ञ में अपने सहयोग रूपी आहुति प्रदान करें। तटीय वनस्पतियों और जीवों की रक्षा के लिए एक स्वच्छ समुद्र तट को बनाए रखने के लिए सितंबर के तीसरे शनिवार को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। समुद्र तटों और अन्य जलमार्गों को साफ करने के लिए स्वयंसेवकों को संलग्न करने वाले तटीय सफाई अभियानों का आयोजन करके यह दिवस मनाया जाता है।
बात अगर हम भारत की करें तो वैसे भी 1 जुलाई 2022 से चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है जिसके दूरगामी सकारात्मक परिणाम पर्यावरण और स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर और समुद्रों पर पड़ते दिखाई देंगे और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा आने वाले 17 सितंबर 2022 को अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस अभियान को गौरवमई, बेमिसाल, यादगार और ऐतिहासिक बनाने के लिए एक अनूठे कार्यक्रम की शुरुआत 3 जुलाई 2022 को की गई है जिसमें 75 वें अमृत महोत्सव की कड़ी में 75 समुद्र तटों पर 75 दिनों तक सफाई अभियान चलाया जाएगा जिसकी समाप्ति 17सितंबर को की जाएगी जिसका आगाज़ जोरदार अंदाज में किया गया है।
इस अभियान के माध्यम से जन साधारण के बीच बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन करने  का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे प्लास्टिक का उपयोग हमारे समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है। अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एवं 17 सितंबर, 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधियों हेतु स्वैच्छिक पंजीकरण के उद्देश्य से आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप इको मित्रम भी शुरू किया गया है।
बात अगर हम इस अभियान के लक्ष्यों की करें तो, समुद्र तटों पर महासागरों में कचरे और मलबे के प्रभावों के बारे में जागरूकता करना है। अनेक स्त्रोतों की पहचान करना और व्यवहार में बदलाव लाना है क्योंकि, भारत का एक समृद्ध समुद्री इतिहास रहा है। समुद्री गतिविधियों का सबसे पहले ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था और महासागर, समुद्र एवं नदियों के अंतर्संबंधों के संदर्भ भारतीय पुराणों में पाए जा सकते हैं। भारतीय सामाजिक आध्यात्मिक परंपराओं, साहित्य, कविता, मूर्तिकला, चित्रकला और पुरातत्व से विविध साक्ष्य भारत की महान समुद्री परंपराओं की पुष्टि करते हैं।
बात अगर हम समुद्रों महासागरों से मानवीय समाज को लाभों की करें तो, मानव समाज समुद्र और महासागरों की प्राकृतिक संपदा से लगातार लाभान्वित होता रहा है। हालाँकि, हाल के दिनों में,प्लास्टिकअपशिष्ट ज्यादातर भूमि आधारित गतिविधियों, पर्यटन और मछली पकड़ने से नदियों और विभिन्न जलमार्गों के माध्यम से तट और समुद्र तक पहुँचते हैं और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं। तटीय जल, तलछट, बायोटा और समुद्र तटों जैसे विभिन्न मानदंडों में समुद्री कूड़े  पर वैज्ञानिक डेटा और जानकारी एकत्र करने के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रयास किए जाएंगे।
बात अगर हम 3 जुलाई से शुरू हुए इस अभियान की करें तो, इस वर्ष का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के साथ भी मेल खाता है, इसके द्वारा देश भर में 75 समुद्र तटों पर तटीय सफाई स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, लंबा अभियान शुरू किया गया है।
यह दुनिया में अपनी तरह का पहला और सबसे लंबे समय तक चलने वाला समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान होगा, जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे।  इसमें आम आदमी की भागीदारी न केवल तटीय क्षेत्रों बल्कि देश के अन्य हिस्सों की समृद्धि के लिए स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर का संदेश देगी। क्योंकि 7,500 किमी से अधिक की भारत की समुद्री तटरेखा हमारे विशाल महासागर संसाधनों को दर्शाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंद महासागर एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश, अर्थात भारत के नाम पर रखा गया है।बात अगर हम इस अभियान के उद्देश्यों की करे तो, इस अभियान में मुख्य रूप से समुद्री अपशिष्ट को कम करने, प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोगस्रोत पर ही पृथक्करण और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भौतिक और आभासी (वर्चुअल) दोनों तरह से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी देखी जाएगी। इस अभियान में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ-साथ अन्य सामाजिक संगठन और शैक्षणिक संस्थान शामिल होंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि, आओ स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर स्वच्छता अभियान को सफल बनाएं। मानव समाज समुद्र और महासागरों की प्राकृतिक संपदा से लगातार लाभान्वित होता रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस को ऐतिहासिक बनाने आजादी के 75 में अमृत महोत्सव में 75 समुद्र तटों पर 75 दिनों तक सफाई अभियान की शुरुआत सराहनीय है।
— किशन सनमुख़दास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया