गीत/नवगीत

शहीदों को नमन

स्वप्न में भी न तू रोना है तू शहीद की मां
हौसला सबका बढ़ाना है तू शहीद की मां
न सजा सेहरा पर ये तन तो तिरंगे में है
गूंजी शहनाई न जन गण की धुन तो मन में है
गर्व से तू गुनगुनाना है तू शहीद की मां
हौसला ,,,,,,,
जान जाए गम नहीं सह नहीं सकते गुलामी
आतिशबाजी न हो पर मिले तोपों की सलामी
मुस्कुरा के सिर उठाना है तू शहीद की मां
हौसला ,,,,,,,,,,
गिरने पाए न एक अश्रु तेरा फर्श पे यूँ
दिल दुखेगा मेंरा जाते हुए उस अर्श पे यूँ
ग़म को सीने में छुपाना है तू शहीद की मां
हौसला ,,,,,,,,,,,,.
— पुष्पा ” स्वाती “

*पुष्पा अवस्थी "स्वाती"

एम,ए ,( हिंदी) साहित्य रत्न मो० नं० 83560 72460 pushpa.awasthi211@gmail.com प्रकाशित पुस्तकें - भूली बिसरी यादें ( गजल गीत कविता संग्रह) तपती दोपहर के साए (गज़ल संग्रह) काव्य क्षेत्र में आपको वर्तमान अंकुर अखबार की, वर्तमान काव्य अंकुर ग्रुप द्वारा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री के कर कमलों से काव्य रश्मि सम्मान से दिल्ली में नवाजा जा चुका है