पर्यावरण

जल संरक्षण के उपाय

जल प्रकृति की और से सभी जीवों को एक अमूल्य भेंट हैं।वैसे देखें तो जल ही जीवन हैं। जीवोत्पत्ति के क्रम की शुरुआत ही जल से हुई थी ऐसा भी कहा जाता हैं।
  लेकिन उसे पाने के लिए कोई दाम नहीं देना पड़ता हैं इसलिए इसका उपयोग बड़ी ही बेकद्री से होता हैं।इसी वजह से एक जल जागृति अभियान चलाना अति आवश्यक बन गया हैं।हर छोटे बड़े को इस जल जो जीवन हैं उसकी महत्ता समझा कर उसका सही और उपयुक्त उपयोग करने की अवश्यकता हैं, ये बताना ही पड़ेगा।घर घर में पानी का उपयोग उसकी उपलब्धि के हिसाब से ही किया जा रहा हैं न कि अपनी जरूरत के हिसाब से।
   दूसरा वर्षा जल संरक्षण पर भी जोर देना पड़ेगा जिसमे सामाजिक संस्थाएं,सरकारी संस्थाएं और सभी व्यक्तियों को जिम्मेवारी से कार्य करना चाहिए।जैसे गुजरात में पुराने घरों में वर्षा कूप बनाने का रिवाज था जिससे उस घर की अवश्यकता के अनुसार उसे छोटा या बड़ा बनाया जाता था।साल भर पानी उसी कूप से उपयोग में लिया जाता था।
     पतले प्लास्टिक की थैलियों की वजह से भी जमीन में पानी का अवशोषण काम हो जाता हैं, बाधा उत्पन्न होती हैं तो उनके निकाल का उपयुक्त तरीका लोगों को बता कर यहां वहां फैंकने से रोका जाना चाहिए। इससे भूगर्भ जल के संग्रह में वृद्धि होगी। प्लास्टिक की थैलियों का एक स्तर बन पानी को ज़मीन में सोखने से रोकता हैं ।
 जल का उपयोग तो सभी करतें हैं लेकिन बिन जल क्या हाल होगा विश्व का ये कोई नहीं सोच रहा।
   बड़े बड़े कारखानों में जहां जल का अति उपयोग होता हैं उन्हें भी कोई तकनीक से उसका व्यय कम कर देना चाहिए। वन और जंगलों के विकास से बारिश ज्यादा होने से भी भूगर्भ जल संग्रह में वृद्धि होगी।
     इसे कई उपाय हैं जिससे पानी को बचाया जा सके,बशर्ते उन नियमों का सही तरीकों से पालन हो।
— जयश्री बिरमी

जयश्री बिर्मी

अहमदाबाद से, निवृत्त उच्च माध्यमिक शिक्षिका। कुछ महीनों से लेखन कार्य शुरू किया हैं।फूड एंड न्यूट्रीशन के बारे में लिखने में ज्यादा महारत है।