लघुकथा

लघुकथा – ऐसे गुज़र होगी नहीं

फुर्सत मिलते ही उसने अपना मोबाइल उठाया और व्हाट्सएप्प पर आए हुए संदेश देखने लगा। इलाके के कुछ लोगों द्वारा बनाए गए एक ग्रुप पर भेजे गए संदेशों पर नजर पड़ी, तो वह उन्हें पढ़ने लगा। एक व्यक्ति- विशेष द्वारा एक संदेश लिखा गया था, और साथ ही कुछ चित्र भी भेजे गए थे- ‘भाइयों, यह सुंदर नगर कॉलोनी की मुख्य सड़क का दृश्य है। चारों तरफ से रास्ता बंद है, निकलने की कोई जगह नहीं। सड़क बनाने के लिए सामग्री डालने और खोदने से पहले, कम से कम मोहल्ले वालों को सूचित तो करना चाहिए था कि रास्ता बंद होने वाला है, ताकि सभी उसकी तैयारी कर सकें और अपने वाहन इत्यादि बाहर निकाल सकें। मोहल्ले में एक विकलांग व्यक्ति और कुछ बुजुर्ग भी रहते हैं, जो किसी भी तरह से इस सड़क को पार करने में सक्षम नहीं हैं। नौकरीपेशा लोगों ने काम पर और बच्चों ने स्कूल जाना है, परंतु प्रशासन को कोई परवाह नहीं। यदि ऐसे में कोई हादसा हो जाता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?”
बहुत सारे व्यक्तियों ने उस पर जोरदार टिप्पणियां भी की हुई थीं- ‘बिल्कुल सही फरमाया आपने।’, ‘रात में कार्य करना चाहिए…।’ ‘कल हम भी बहुत परेशान हुए…।’ ‘इसके खिलाफ मोर्चा निकालना चाहिए…।’ ‘मीडिया में देना चाहिए…।’ इत्यादि इत्यादि।
उसने अपने दो-चार मित्रों को फोन मिलाया, कुछ बातचीत की और कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया।
दोपहर बाद वह अपने व्हाट्सएप्प पर संदेश लिख रहा था- ‘हम कुछ लोग सुबह कलेक्टर साहब से मिले। उन्हें इस सड़क वाली समस्या से अवगत कराया, जिसकी उनको कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने ठेकेदार को फोन करके तुरंत रास्ता खोलने को कहा, और साथ ही इस कार्य को शीघ्र से शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए। ठेकेदार द्वारा रास्ता खुलवा दिया गया है और सड़क निर्माण का कार्य भी तेजी से करवाना शुरू कर दिया है…।’
दुष्यंत कुमार की ग़ज़ल उसके होठों पर थी- ‘पक गई हैं आदतें, बातों से सर होंगी नहीं, कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं…।’
— विजय कुमार

विजय कुमार

पिता ः श्री रतनलाल माता ः श्रीमती पार्वती देवी जन्म ः 30-03-1974 शिक्षा ः ऑनर्स इन हिन्दी (प्रभाकर), कहानी-लेखन महाविद्यालय, अम्बाला छावनी से लेखन व पत्रकारिता के कोर्स। लेखन ः देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं एवं ई-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएं प्रकाशित। विधाएं ः लघुकथा, सम-सामयिक लेख व अन्य संपादन ः 1. शुभ तारिका (मासिक), सह-संपादक 2. हर वर्ष पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलांग, मेघालय से प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘पूर्वोत्तर वार्ता’ स्मारिका का प्रबन्ध संपादक विशेष ः विकिपीडिया पर वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियन द ग्रेट खली दलीप सिंह राणा पर एक लेख ‘महाबली खली ने मचाई खलबली’ सहभागिता ः हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के 65वें अधिवेशन : विश्वभारती, शान्तिनिकेतन पश्चिम बंगाल, दि. 16-18 मार्च 2013 को सक्रिय रूप से भाग लिया। सम्मान ः हिमालय और हिन्दुस्तान फाउण्डेशन, ़ऋषिकेश, उत्तराखण्ड द्वारा पत्रकारिता एवं लेखन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान 2010 पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलांग, मेघालय द्वारा ‘केशरदेव गिनियादेवी बजाज स्मृति सम्मान-2013’, ‘श्री जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान-2015’, ‘अनूप बजाज युवा लेखक सम्मान-2018’, ‘प्रोग्रेसिव फाउंडेशन’ की ओर से स्मृति चिह्न, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, उ.प्र. की जिला सहारनपुर इकाई द्वारा आयोजित जिला सम्मेलन एवं संगोष्ठी के अवसर पर सम्मान 2014 सखी साहित्य परिवार, गुवाहाटी, असम की ओर से साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्मान भारतीय लघुकथा विकास मंच, पानीपत, हरियाणा द्वारा माधवराव सप्रे की जयंती के अवसर पर ‘लघुकथा दिवस रत्न सम्मान-2020’, वरिष्ठ लघु कथाकार उर्मिला कौल की स्मृति में लघुकथा उत्सव के अवसर पर ‘उर्मिला कौल स्मृति लघुकथा रत्न सम्मान-2020’, हिन्दी साहित्य प्रेरक संस्था, जींद, हरियाणा, संस्कार भारती, जींद, हरियाणा द्वारा ‘हिन्दी दिवस’ 14 सितम्बर 2020 के अवसर पर ‘लघुकथा लेखन एवं वाचन प्रतियोगिता’ में लघुकथा वाचन हेतु ‘प्रतिभागी प्रमाण पत्र’ प्रसारण ः आकाशवाणी, शिलांग, मेघालय से रचनाएं प्रसारित। विशेष ः पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा तीसरी कक्षा पाठ्यक्रम हेतु लघुकथाएं स्वीकश्त। अनुवाद ः विभिन्न लघुकथाओं का अंग्रेजी, मराठी एवं बंगला में अनुवाद। सम्प्रति ः सह-संपादक ‘शुभतारिका’ ;मासिकद्ध, प्रबन्धक ‘कहानी-लेखन महाविद्यालय’, अम्बाला छावनी अभिरुचियां ः पर्यटन, फोटोग्राफी, मित्रता, अध्ययन-मनन, क्रिकेट, नेक कार्यों में रुचि। संपर्क ः 103-सी, अशोक नगर, अम्बाला छावनी-133001, हरियाणा मोबाइल : 9813130512, ई-मेल : urmi.klm@gmail.com