कविता

खामोशी

 

ख़ामोश रहना सिर्फ आदत नहीं

बल्कि एक पृष्ठभूमि तो है ही

अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी है,

तो विवादों विषादों की ढहाती जमीन भी है।

जरा सी खामोशी बड़े बड़े काम कर जाती है

अनहोनी तक को टाल जाती है।

आपस की कटुता न बढ़े

खामोशी टानिक का काम करती है।

समय परिस्थितियों के अनुसार

खामोशी हथियार होती है

नाराजगी और तनाव न हो

उसमें खामोशी खामोश रहकर

बड़े बड़े काम करती है।

खामोशी की ताकत जिसने पहचान लिया

उसने जैसे बड़ा काम कर लिया,

जिसने भी उपेक्षा की खामोशी की

उसने अपना बेड़ा गर्क कर लिया।

खामोशी खुद में एक ताकत है

इस ताकत का जिसने भी

उचित इस्तेमाल करना सीख लिया,

समझ लीजिए उसने अपना जीवन

बहुत ही खुशहाल कर लिया।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921