बाल कविता

दशहरा

दशहरा है हमें मनाना
बुराई को है हमे मिटाना।
दिवाली के 20 दिन पहले मानते हैं
और अपने अंदर के रावण को जलाते हैं।
बुराई पर अचछाई की होती है हमेशा जीत
यही है इस तयोहार की सीख।
अपने अंदर के रावण को जलाते हैं
अच्छाई पर जीत पाते हैं।
अपने अंदर की एक बुराई रोज मिटाओ
और मिलजुल कर दशहरा मनाओ।

मुस्कान
दसवीं कक्षा की छात्रा
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक
गाहलिया
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233