कहानी

मोहपाश

रीमा अपने माता पिता की इकलौती सन्तान थी वह उसकी हर फरमाइश को पूरे करते थे इस कारण वो जो मांगती उसको मिल जाता था इसलिए उसको किसी चीज की कद्र भी नहीँ थी .
कविता मध्यवर्गीय परिवार से थी
उसके पास इतना कुछ नहीँ था फिर वो बहुत समझदार थी रीमा और कविता की आपस में गहरी मित्रता थी दोनों एक दूसरे की बहुत परवाह भी करती थी .
 रीमा हमेशा बड़े बड़े सपने देखती थी मेरी शादी किसी अमीर घराने में हो सारी सुख सुविधाएं मुझे मिले अच्छा पति मेरे इशारों पर नाचने वाला हो घर भी स्टेंडर्ड और बहुत दौलत हो और मैं रोज कहीँ न कहीं घूमने जाऊँऔर जो शौक अमीरों के होते है वह सब उसके सपने थे .
वही कविता की सोच थी कि उसका सुसराल भले ही गरीब हो लेकिन सब प्यार और एक साथ एक घर में रहे पति भी उसको बहुत प्यार करें और मैं भी कुछ अपने पति का घर चलाने में उसकी मदद कर सकूं.
हुआ भी यही रीमा की शादी अमीर घर में और कविता की शादी मध्यवर्गीय परिवार में हुई.
रीमा हमेशा अपने किटी क्लब,सोसाइटी के प्रोग्रामो में व्यस्त रहती उसको पति से बात तक  की फुर्सत नहीं मिलती न उनके बिजनिस के बारे में कुछ पता था बस उसको खर्च करने के लिए समय से पैसे मिल जाया करते थे पति से ज्यादा वो बात भी नहीँ करती थी उसको उसके पैसों से मोह था.  वह सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव रहती थी उसको किटी, क्लब,मूवी शॉपिंग,और घूमने का बहुत मोह था वह इनके मोहपाश में फंसती जा रही थी वह अपने पति पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती थी.
इधर कविता के घर के कामकाज में बिजी हो गयी सब उसको बहुत प्यार करते थे उसके पति की जॉब भी अच्छी थी फिर भी फिजूलखर्ची नहीं करती थी .शादी के कुछ दिन बाद रीमा के माता पिता का कार एक्सीडेंट हो गया उसमें वो चल बसे रीमा को बहुत दुख हुआ कविता उसके घर मिलने गयी दो महीने बाद एक दिन रीमा का फोन आया. उसने कविता को अपने घर आने का निमंत्रण दिया कविता उसके घर मिलने आयीं वह दोनों गले मिली
शादी के बाद दोनों सहेली मिली मिलकर कविता को लगा रीमा अब बहुत बदल गयी .वो पूरे समय अपने घर के स्टेंडर्ड, किटी, क्लब,शॉपिंग, आदि की बातें ही करती रहीं कि वो उसको नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है कविता वहां कुछ नही बोली और घर वापिस आगयी.  कविता को लगा यह इन सबके मोहपाश बंधती जा रही है. इसलिए इसको अभी कुछ समझ नहीँ आ रहा है.
कुछ दिनों के बाद कविता ने पेपर में रीमा के पति का फोटो देखा उसने अपनी कंपनी में गबन किया था इसके लिए उसको गिरफ्तार किया गया था.
कविता ने रीमा को फोन लगाया बोली” रीमा ये सब कैसे हुआ तुम्हें पता नहीँ था क्या इसके बारे में तुम्हारे पति क्या कर रहे है ” रीमा बोली” मुझे इस बारे में कुछ नहीँ पता कि वो क्या करते है मैं अपने में ही व्यस्त रही अपने मोहपाश के कारण ही मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है और वो जोर जोर से रोने लगी अब वो इस सबके मोहपाश से बाहर आ चुकी थी  अब वो समझ चुकी थी.
कविता उसको अपने साथ अपने घर ले गयी थोड़े दिन बाद रीमा को
 एक कंपनी में जॉब मिल गई और एक घर भी मिल गया कविता से विदा लेकर वो अपनी  जिंदगी अच्छे से गुजारने लगी.
— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश