लघुकथा

बापू, आटा

बापू बारिश तेज़ हो गई है,
हां,
रेहड़ी ऊपर छप्पर दे बापू,
कोई ज़रूरत नहीं पुत्र,
रेहड़ी को बस स्टैंड के नज़दीक ले चलते हैं,
हां, ठीक है बापू,
बापू आज सारा दिन कोई ग्राहक नहीं आया, रात की रोटी कैसे खाएंगे ? घर पर आटा नहीं है, मां कहती थी आटा ज़रूर ले कर आना, घर में पीपा खाली पड़ा हुआ है। कोई बात नहीं पुत्र, कोई न कोई तो ग्राहक ज़रूर आएगा। बारिश ने सारा काम ही खराब कर दिया है। ग्राहक नज़र ही नहीं आता।
बापू बारिश खत्म हो गई ए, दो तीन घण्टे बारिश ले गई है साली, बापू रेअड़ी सड़क किनारे ले चलें।
चल मेरा पुत्र,
बापू भट्ठी जला दूँ,
जला दे पुत्र,
पुत्र ने रेहड़ी ऊपर रखी हुई भुट्टा (मक्का) की फलियां ठीक करते हुए भट्ठी में कोयले जला दिए। परन्तु ग्राहक का नाम ही नहीं था।
सूर्य आसमान के घरौंदे में जा छुपा था। अंधेरे ने अपने दायरे बढ़ा दिए थे।
बापू, अभी तक कोई भी ग्राहक नहीं आया, फिर आटा कैसे ले जाएंगे ?
कोई नहीं पुत्र, परमात्मा कोई न कोई हीला बसीला ज़रूर करेगा। कोई न कोई तो ज़रूर जाएगा।
दो पुलिस बाले हाथों में लाठियां घुमाते हुए आए।
अपनी वर्दी की परिभाषा में, जिसमें कानून-संविधान छुपा होता है।
सब की भलाई-कल्याण हेतू देश के सच्चे सदृश्य रखवाले।
रेहड़ी वाले ऊपर हुकूमत डाल कर सीना तान कर एक पुलिस वाला कहने लगा, ओए, यह रेहड़ी तेरी है? तथा साथ ही हवा में लाठी, लहराते हुए कहने लगा, सुन, ओऐ, दो अच्छे से भुट्टे भून दे।
लो साहिब जी, अभी भून देते हैं।
नींबू वगैरह लगा देना, अच्छी तरह
ठीक है, साहिब जी,
रेअड़ी वाला भूट्टे भूनने लगा।
पुत्र ने एक छलकती आशा से कहा, बापू चलो आटे के लिए तो जुगाड़ हो जाएगा।
हां पुत्र परमात्मा सब की सुनता है। मुश्किल समय परमात्मा स्वंय प्रगट हो जाता है मानव के रूप में।
रेहड़ी वाले ने भुट्टे भून कर, बड़े इत्मिनान से साफ करके नमक नींबू लगा कर, पुलिस वाले को पकड़ाते हुए बहुत धैर्य से कहा, साहिब जी बीस (20) रूपए।
पुलिस वाले ने भुट्टे पकड़ते हुए कहा, साला, बीस रूपए का तथा ऊपर से मोटी सी गंदी गाली निकालते हुए कहा, साले, सड़क के ऊपर रेहड़ी लगाता है, ऊपर से पैसे मांग रहा है, रेहड़ी आगे से यहां लगानी है कि या नहीं, हरामजादा, उल्लू का पट्ठा, पैसे मांग रहा है, साले दो मारूंगा सारे पैसे मिल जाएंगे।
रेहड़ी वाले के लड़के ने कहा, सर जी, पैसे तो दे दो घर में आटा ले जाना है। सुबह का कोई ग्राहक ही नहीं आया।
पुलिस वाले ने हाथ ढीला कर के उस लड़के के मुँह पर एक करारा सा थप्पड़ जड़ दिया। पुलिस वाले लाठियां घुमाते चले गए।
लड़के ने रोते हुए कहा, बापू आटा ?

— बलविन्दर बालम

बलविन्दर ‘बालम’

ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब) मो. 98156 25409