कविता

जिंदगी

यूं ही किसी मोड़ पर

तुम से मुलाकात हो जिंदगी
थोड़ी शिकायत मेरी हो
थोड़े सवालात तुम्हारे
मेरी शिकायत दर्ज
 ना हो न सही
बस थोड़ा गौर
जरूर फरमा लेना
तुम्हारे सवालों के जवाब
न हो मेरे पास
फिर भी सवाल जरूर करना जिंदगी !
शिकायते ख़त्म हो जाएगी
एक रोज
जवाब भी मिल जाएंगे
कभी
मगर मुझसे मिलते रहना
जरूर जिंदगी!
दिल की धड़कनों में
सांस लेना जिंदगी !
तुम्हारे होने से
मेरा होना है जिंदगी !
तुम्हारे चलने से
मेरा चलना है जिंदगी !
मेरे वजूद के लिए
तेरा होना लाजिमी है जिंदगी !
— विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P