गीतिका/ग़ज़ल

दोहा गीतिका

जीवन  में  हो  सादगी, ऊंचे  रहे  विचार
सफर जिन्दगी का कठिन, नही मानना हार
अच्छी चीजों को चुनो, अपनाओ सद्भाव
अच्छा बनने के लिए, खुद में करो सुधार
झूठ,कपट,दुर्भावना,  द्वेष फेंक दो दूर
अवगुण सारे त्याग दो, हो अच्छा व्यवहार
संस्कार के फूल से, महके सकल जहान
संचित गुण का कोष हो, गुण का हो विस्तार
मोह माया अन्धियार है, करे खुशी का अन्त
छोड़ तिमिर की जिन्दगी, कर जीवन उजियार
फूल खिला सदभाव के, रोप प्रेम के बीज
सेवा कर बीमार की, कर दुखियों से प्यार
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त