रंग जिंदगी के
रंग जिंदगी के
होते बहुत निराले हैं रंग ज़िन्दगी के,
उल्फ़त कभी जफ़ा से हैं रंग ज़िन्दगी के l
उल्लास की ज़मीं पर तारे उतार लाती,
होटों पे तबस्सुम से हैं रंग जिंदगी के l
बाज़ारे मुफ़्लसी में ईमान का सौदा है,
उम्मीद की कली से हैं रंग जिंदगी के l
सुख हैं तो कभी दुख है तन्हाइयाँ कहीं पर,
रौनक में कज़ा जैसे हैं रंग जिंदगी के l
छल दम्भ द्वेष रुपी कारा को तोड़ दे गर,
पुरनूर जुगनुओं से हैं रंग जिंदगी के |
माना की तंग राहें दुश्वारियाँ बहुत हैं,
अनुभूतियाँ समेटे हैं रंग ज़िन्दगी के|
दिल की पवित्रता में करुणा, दया, छिपाए,
बहती सहस्त्र धारा हैं रंग जिंदगी के |
हैं स्याह कभी उजली सोने सी रूपहली सी,
गज़लों की बहर जैसे हैं रंग ज़िन्दगी के l
होती हैं धूप – छाँव ‘मृदुल’ ज़िन्दगी की राहें,
बरसात के मौसम से हैं रंग ज़िन्दगी के l
मंजूषा श्रीवास्तव ‘मृदुल ‘
लखनऊ