गीतिका/ग़ज़ल

दोहा गीतिका

पाल पोस कर कर दिया,जिसने वत्स जवान
वृद्ध आश्रम  छोड़  कर, भूल  गया  पहचान
मात पिता के कर्ज  को,  सकता  कोन उतार
मात पिता का तुम कभी,मत करना अपमान
ये  बूढ़े  माता  पिता, क्यों  बन   जाते  बोझ
जो रखते  सारी उमर, सब  बच्चो  का ध्यान
बालक क्यों भूखा रहे, खुद सह ली थी भूख
वही  रोटियों  के   लिए,  तरस  रहा  इन्सान
उन  आँखों  में  नीर  है, भीगे  जल  से  नैन
जिसने  चाही थी  सदा,  बच्चो  की मुस्कान
बच्चो की किलकारियां, भाता  जिनको शोर
उन्हे  पुत्र ने कह  दिया,  खाली  करो मकान
दुआ जिन्होने  की सदा, बच्चे  हों  खुशहाल
आज  वही  गमगीन  हो,  बांध  रहे  सामान
आज दुखी हो कर पिता, करते यही  सवाल
ऐसी  हमने   प्रभु  कहां,  मांगी  थी  सन्तान
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त