25 जनवरी: पर्यटन दिवस
*जुड़ती संस्कृतियां फिर आपस में विचारों का होता खूब प्रसार*
*रोजगार के अवसर पैदा कर पर्यटन बढ़ाता जब कारोबार*
किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठाने में उस देश के पर्यटन विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। न केवल विदेशी पर्यटक अपितु देश के भीतर के घरेलू पर्यटक भी देश के सकल घरेलू उत्पाद को ऊंचा उठाने में मददगार साबित होते हैं रोजगार की संभावनाएं भी पर्यटन के माध्यम से काफी हद तक बढ़ती हैं जिससे देश में व्यापक स्तर पर फैली बेरोजगारी की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।उदाहरणस्वरूप होटल,ट्रेकिंग,पर्वतारोहण और यात्रा व्यवसायों इत्यादि जैसी पर्यटक गतिविधियों के माध्यम से लोगों को रोजगार मिलता है।विश्व भर के अनेक देशों से प्रतिवर्ष बड़ी तादाद में पर्यटक भारत भ्रमण करने हेतु आते हैं।यहां पिछले कुछ वर्षो की अपेक्षा में प्रत्येक आने वाले वर्ष में पर्यटकों की संख्या में भारी मात्रा में बढ़ोतरी देखी जाती है जो देश के आर्थिक विकास के लिए शुभ संकेत समझा जा सकता है।
पर्यटन के माध्यम से न केवल आर्थिक विकास अपितु सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास की संभावनाएं भी बढ़ती हैं।एक देश की संस्कृति से दूसरे देश की संस्कृति का परिचय कराने का सबसे सशक्त माध्यम पर्यटन ही है। पर्यटन के माध्यम से लोगों के बीच आचार विचार,संस्कृतियों एवं भावनाओं का विनिमय संभव हो पाता है जिसकी वजह से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मजबूती आती है और वसुधैव कुटुंबकम की भावना को भी बल मिलता है।
पर्यटन लोगों के लिए के आजीविका के असंख्य अवसर तो प्रदान करता ही है,साथ ही अलग-अलग संस्कृतियों,रीति रिवाजों,मान्यताओं,विश्वासों और प्राकृतिक खूबसूरती को बेहद नज़दीक से देखने के मौके भी देता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि पर्यटन विश्व को एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है क्योंकि जिस खूबसूरती के साथ पर्यटन विभिन्न देशों के लोगों के मध्य नज़दीकियां बढ़ाता है और उनमें परस्पर प्रेम एवम सौहार्द की भावना का विकास करता है वह किसी और माध्यम से उतना संभव नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले 2 वर्षों में कोरोना महामारी के चलते वैश्विक पर्यटन को गहरा आघात पहुंचा है ,पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई एवं जिसके चलते पर्यटन विभाग को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। परिणामस्वरूप,पर्यटन से जुड़े लोगों को रोजगार से हाथ धोने पड़े और बेरोजगारी एक बार फिर अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई।महामारी के कारण ही विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी कमी आई और आपसी समझ का स्तर भी घटा। इन सब के फल शुरू भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरा झटका मिला और कई देशों में तो ,या यूं कहें कि विश्वव्यापी मंदी का मंजर भी सामने आया।
इस सब के बावजूद भी कुछ ऐसे स्थल हैं जहां अभी भी पर्यटन की भरपूर संभावनाएं देखने को मिलती हैं। उन्हीं में से एक है – 572 द्वीपों से मिलकर बना अंडमान निकोबार द्वीप समूह। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मौसम का लुफ्त उठाने का सबसे बेहतरीन और मजेदार मौसम दिसंबर माना जाता है पर्यटन के लिहाज से दिसंबर जनवरी का माह यहां घूमने और सैर सपाटे के लिए उपयुक्त समझा जाता है। इन दिनों विश्व भर से लाखों की संख्या में पर्यटक यहां घूमने आते हैं और यहां की सुहानी और मनमोहक वादियों में तनाव से मुक्ति पाते हैं। दुनिया की भीड़ भाड़ , उपापोह,जद्दोजहद और संघर्षपूर्ण जिंदगी से दूर प्रकृति की गोद में बसा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्षम समझा जाता है क्योंकि भारी मात्रा में पर्यटक यहां आते हैं और ठहरते भी हैं जिससे यहां के लोगों को व्यवसाय ,फोटोग्राफी,रोजगार ,होटल आदि गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायता भी मिलती है। समुद्री जीवो और उनके जीवन के संबंध में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यहां से बेहतर दूसरा कोई स्थान हो ही नहीं सकता।यह स्थान अपने बेहद खूबसूरत द्वीपों की वजह से विश्व भर में प्रसिद्ध है ।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य केंद्र बिंदुओं अर्थात पर्यटक स्थलों की बात करें तो हैवलॉक द्वीप, बैरन द्वीप ,राधानगर बीच, भरतपुर बीच, विजयनगर बीच, लालाजी बे बीच,बारातंग द्वीप,चिड़िया टापू, पोर्ट ब्लेयर तथा सेल्यूलर जेल अत्यधिक प्रसिद्ध हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को मिनी भारत के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि भारत के अनेक राज्यों की जनसंख्या यहां रहती है। इसी वजह से यह स्थान भारत की मिली-जुली संस्कृति, रीति रिवाज रहन-सहन और खान-पान के लिए भी जाना जाता है। क्योंकि यहां भारत के अनेक राज्यों के लोग रहते हैं ,इसी वजह से यहां भारत के अनेक राज्यों के त्यौहार भी बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं ।क्रिसमस और नए वर्ष का जश्न तो यहां देखते ही बनता है विश्व भर से लोग यहां आते ही क्रिसमस और नए वर्ष के शुभ अवसर पर हैं ताकि वे यहां होने वाले खूबसूरत नजारों के साक्षी बन सकें। अपने जीवन के सुखद और बेहतरीन पल बिताने के लिए प्रतिवर्ष असंख्य लोग यहां आते हैं और अपने भीतर असीम ऊर्जा एकत्रित कर यहां से लौट जाते हैं। यह स्थान प्रकृति का वरदान भी समझा जाता है।
यहां कई आकर्षक समुद्र तट हैं, जिनमें कई समुद्र तट गतिविधियां, जैसे पैरासेलिंग, केले की नाव की सवारी, साथ ही साथ पानी के नीचे और पानी की गतिविधियों जैसे स्कूबा डाइविंग, समुद्र के चलने आदि शामिल हैं।निसंदेह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह विश्व भर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। एक लुभावनी एवं रोचक जगह होने के साथ-साथ यह आज पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
— पिंकी सिंघल