लघुकथा – पहचान
दोपहर का समय था। सुनसान सड़क पर एक अधेड़ भिखारी को जाते देखकर अपने घर के बरामदे में बैठे पतिदेव ने कहा, “बड़ा शातिर है यह भिखारी।”
“कैसे?” पत्नी ने पूछा।
“यह भिखारी जब हिन्दू मोहल्ले में जाता है तो राम के नाम भीख माँगता है और जब मुस्लिम मोहल्ले में जाता है तो अल्लाह के नाम हाथ पसारता है।”
“आखिर वह ऐसा क्यों करता है? वह हिंदू है या मुस्लिम?” पत्नी ने उत्सुक होकर पूछा।
पति ने भिखारी को बुलाया और पूछा, “तुम्हारा धर्म क्या है। मतलब तुम्हारा मजहब क्या है?”
“हुजूर ! एक भूखे इंसान का क्या मजहब हो सकता है?” भिखारी ने जवाब दिया।
— निर्मल कुमार दे