भजन/भावगीत

सावन आया

सावन आया संदेशा लाया
शिव पुजन का भाव जगाया

माया की नगरी है प्यारी
सबसे बढ़कर तुम त्रिपुरारी

निश्काम रहित भावना जगायें
करूँ मैं पूजन दिल में समायें ।

हे नंदीश्वर औढ़रदानी उमापति
अवचेतन में भी सदा हूँ जपती।

भष्मरमैया हे महाकालेश्वर शिव
दुखहर्ता सुखकर्ता विघ्नहर्ता पुत्र।

उमा भवानी जगदीश्वरी कल्याणी
सदा विराजत शिव संग भवानी ।

सुनें प्रार्थना हे भोले शंकर दानी
तुम समान नहीं कोई औढ़रदानी ।

नमः शिवाय का जाप जो करते
मोहमाया से वो सभी हैं निकलते ।

जल नहीं,भांग नहीं, मंदिर नहीं पास में
बेलपत्र भी कहाँ आसपास में ?

बस सुमिरन स्वीकार करें प्रभु
सावन मास दुख हरें हे जगत गुरू

— आरती रॉय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com