सामाजिक

कक्षा छठी के छात्र-छत्राओं को जनन अंग, प्रजनन क्रिया और प्रजनन तंत्र पढ़ाने का औचित्य ?

कहाँ हैं, भारत सरकार के प्रतिनिधि, देश के शिक्षाविद, चिकित्सक, विचारक, मनस्वी, मनोविज्ञानी, समाजचिन्तक, धर्मशास्त्री, चिन्तक, लेखक, बुद्धिजीवी?

कक्षा छठी के छात्र-छत्राओं को जनन अंग, प्रजनन क्रिया और प्रजनन तंत्र पढ़ाया जा रहा है I तनिक इसका औचित्य तो बताया जाए I

जिसे हमने ग्यारहवीं और एम.बी.बी.एस. में पढ़ा था, जब हम थोड़े मानसिक और भावनात्मक रूप से परिपक्व होने लगे थे, अपनी पढ़ाई के प्रति समर्पण विकसित हो गया था, एकनिष्ठता आने लगी थी I

गीली मिट्टी की तरह कोमल किशोर मन को भटकाने का कार्य पूर्ण निष्ठा से षड्यंत्र कारी करने में सफल हो गए हैं I और यह कार्य पूर्ण सफलता के साथ चल रहा है I गर्भपात की समस्त सुविधाएं स्कूलों में होने के उपरान्त भी अमेरिका हर वर्ष नौ-दस लाख कुंवारी किशोर माताओं के बोझ से त्रस्त है, हम क्या अमेरिका अनुसरण करना चाहते हैं? 

केन्द्र सरकार इस दिशा में संज्ञान लें और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी कक्षाओं में तत्काल प्रभाव से अविलम्ब आरम्भ करें, पुराने पाठ्यक्रम में तत्काल प्रभाव से बन्द करें, यह तो यौन शिक्षा के समर्थकों का ही षड्यंत्र है, जो अविराम चल रहा है I