लघुकथा

सीमा प्रहरी

शारदा राज के अस्थि कलश को विसर्जित कर आते ही अनमनी सी उसके कमरे में आकर राज के बचपन वाली वर्दी निकाल कर सीने से लगाते ही वात्सल्य की रसधारा में डुबती चली गई। पहली बार जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह हाथ में छोटी सी खिलौने वाली रायफल पकड़ कर सीमा रक्षक बना था तो उसकी अदा देखते ही बनती थी । गाने के हर बोल पर आँखों से एवं शारिरीक हावभाव से लोमहर्षक प्रदर्शन किया । नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ—- बड़ी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूँजती रही ।हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के मौके पर वह कभी चंद्रशेखर आजाद कभी भगतसिंह बनता था । याद आ गया वाघा बॉर्डर पर छोटी सी उम्र में सेना के जवानों के कहने पर लगातार तिरंगा लेकर दौड़ता रह गया था ।अगर कभी आतंकवादी घटनाओं का जिक्र टी वी पर देख लेता तो गुस्से से उसकी मुट्ठियाँ भींच जाती । कोई भी माँ अपने बच्चों को आक्रोशित एवं आक्रामक नहीं देख सकती ।वह टी वी बंद कर देती , पर होनी को कौन टाल सकता है !एन डी ए की परीक्षा पास करते ही उसके सपनों को पंख मिल गये । राज तो चला गया,पर उसकी यादों से वह भला कैसे दूर जा सकती है ! आलमारी बंद कर वह वापस लौटने लगी ,अचानक छन्न की आवाज से उसकी तंन्द्रा भंग हुई । राज का माउथऑर्गन !! बचपन का कलाकार सीमाप्रहरी बन कर माँ भारती की सेवा में अमर शहीद हो गया ।हवा के झोंकें एवं दृढसंकल्पित इरादों को माँ अपनी ममता की छाँव में भला कब तक छूपाती यह तो होना ही था ।शहीद की माँ कहलाना सबके नसीब में कहाँ । माउथ ऑर्गन पर सुजलाम् सुफलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम…धुन टीवी पर बज रहा था,जिसे सुन कर फिर से रोने लगी, रोते रोते हिचकी बंध गई ।टीवी ऑफ करना भूल गई , अमर जवान ज्योति पर श्रद्धासुमन अर्पित किया जा रहा था । वह बेटे की तस्वीर निहारते हुए उसे याद कर फफक पड़ी ।राज हमेशा कहता था–”माँ अगर मैं शहीद हो जाऊं तो मेरी तस्वीर पर हार मत चढाना । मैं सदैव आप लोगों के साथ रहूंगा । मेरा अस्थिकलश विसर्जित करने से पहले एक मुट्ठी राख दरवाजे पर लगे मधुमालती की जड़ों में डाल देना । मैं रोज खिलूंगा, मुरझाऊंगा, पुनः सुबह-सवेरे खिलखिलाता रहूंगा ।”कितना सही कहा था राज , सच में मधुमालती की लताएं फूलों से सदैव आच्छादित रहती हैं ।

— आरती राय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com