कविता

हमारा प्यारा वतन

भारत की यह पावन धरा नाज इसके इतिहास पर।

वीरों ने प्राण गवाएं हंसते हुए इस देश पर।।

मिटा दी जिसने अपनी जिंदगी सरहद पर

नाज़ हे हमें अपने प्यारे हिन्दुस्तान पर।

भारत को आजादी मिली है शहीदों के खून से। 

आंच न आने देना कभी, एक जरा भी भूल से।।

तोल न सकते हम कभी उनकी एक धूल से।

मांओं ने अपने बेटे खोए इस चमन के फूल से।

भारत का भाग्य लिख गये, मिटे देश पर शान से।

उन बलिदानी वीरों के खातिर, झूमे  तिरंगा शान से।।

अपने प्राणों की आहुति देकर कि देश की रखवाली।

जिनके बदौलत देश को ,मिली आजादी की खुशहाली।।

किस्मत वाला है जो जिसका, कफन तिरंगा होता है।

भारत माता की लाज बचाने को, रक्त अपना चढ़ाता है।

सर कटवा कर जो अपना हंस कर शीश चढ़ाता है।

भारत के उन वीर सपूतों का मिलकर करो नमन।

उनकी खातिर ही जिंदा है भारत मां का यह प्यारा वतन।

— डॉ. कान्ति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773