गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

आज कोई नहीं नज़र आये
अब मुसाफ़िर नहीं नज़र आये

प्यार ने मोह ही लिया अब तो
आज दीवानगी नज़र आये

प्यार तो आगोश भरें अब हम
ये सुनहरी घड़ी नज़र आये

दिख रहे खुशनुमा नज़ारे ही
दृश्य देखो हसीं नजर आये

प्यार तेरा मिला अभी हमको
हर खुशी ही मिली नजर आये

दूर जाना नहीं कभी हमसे
बेबसी तो नहीं नज़र आये

हो रही है खुशी अभी मन में
( आसमां भी जमीं नज़र आये

देख हम तो तुझे अभी लेंगे
आज दिल की लगी नज़र आये

पा लिया अब समझ तुझे मैंने
तो अमीरी घिरी नजर आये

— रवि रश्मि ‘अनुभूति’