भजन/भावगीत

हे राम

हे राम! हे राम! हे राम!तुम्हारा अभिनन्दनकरते हैं हम नित्य नमन वंदनहाथ जोड़कर शीश झुकाकर हम करते आपका अभिनन्दन ।रखना हम पर कृपा प्रभु, हे कौशल्या सुत रघुनंदन, हे दशरथनन्दन स्वीकार करोकरता हूं मैं नमन वंदनहे राम! तुम्हारा अभिनंदन।तुम हो पालनहार प्रभु, तुम तो हो अवतार प्रभु। तुम जीवन के संचार प्रभु, तुमसे ही संसार प्रभु। जग के तुम ही सार प्रभु, तुम ही दीपक की ज्योति प्रभु, हर जगह तुम्ही हो राम प्रभु, इस जीवन का आधार प्रभु। शीश झुकाकर विनय करुँऔर करूं मैं नमन वंदनहे राम! तुम्हारा अभिनंदन।इस जग के हो संचार प्रभु , इस नन्दन वन के आधार प्रभुहे जगत नियंता नाथ प्रभुहो जग के तुम्हीं सनातन प्रभु।तुम जगतपति जगदीश्वर होतुम ही सबके अंकश्वेरतुम मां सरयू की जलधारा हो,बस तुम ही एक सहारा हो,स्वीकार करो मेरा नमन वंदनहे राम,तुम्हारा अभिनंदन। हे विष्णु अवतारी राम प्रभुशबरी के झूठे बेर भी तुम होअहिल्या की प्रतीक्षा भी तुम हो,रामसेतु की सिला भी तुम होकेवट का विश्वास भी तुम हो।कुंभकर्ण, मेघनाद के तारक तुम होरावण बालि के उद्धारक भी तुम हो,दुष्टों, राक्षसों के संहारक तुम हो,सुग्रीव विभीषण के प्रतिपालक तुम हो।हो मेरे सांसों की डोर प्रभुहो मम जीवन आधार प्रभु,शीश झुका करुँ नमन वंदनहे राम! तुम्हारा अभिनंदन।

*सुधीर श्रीवास्तव

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