कविता

हिंदी हमारी शान

अब इसमें तो कोई शक नहीं हैकि हिंदी हमारी शान हैहमारी भाषा हमारा मान हमारा स्वाभिमान हैहमारा गौरव हमारा सम्मान है।पर कहीं न कहीं एक टीस भी हैकि अब तक हिंदी राजभाषा से राष्ट्रभाषा न बन सकी,पर अब हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की हर ओर से ऊंँची आवाजें उठने लगी हैं,उम्मीदें आसमान छूने लगी हैं।आंकड़ों में हमारी हिंदी को विश्व की तीसरी बड़ी भाषा बताया जाता हैजबकि सच तो यह है कि डा. जयंती प्रसाद नौटियाल जी के शोध सेहिंदी का पहला स्थान आता है।तो हम सब हिंदी भाषियों का मान स्वत: ही बढ़ जाता है।बस अब हमें इंतजार है उस दिन काजब भारत सरकार हिंदी कोराजभाषा से राष्ट्र भाषा बनाने का ऐलान कर देहमारी सबकी प्यारी हिंदी भाषा को उसका उचित स्थान दे दे।हिंदी का मान सम्मान और बढ़ा दे,हिंदी हमारी शान है ये सारी दुनिया को बता दे।

*सुधीर श्रीवास्तव

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