धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विजयादशमी पर्व पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन शुभदायी

धार जिले की तहसील मनावर में रावण दहन के पूर्व दो रावण श्रंगारित हो कर निकाले जाते है। एक खास बात यह है कि यहाँ रावण जो बना होता है उसकी पूजा होती है। पूरे नगर में रावण के भ्रमण को हजारो की सँख्या में लोग रावण के नृत्य प्रदर्शन का आनंद लेते है व सम्मान करते है।चलित रामलीला का प्रदर्शन किया जाता है |इस प्रथा को 60 वर्ष से भी अधिक समय से कहांर और हरिजन समाज ने निरंतर जारी रखा है ,| कहने का मतलब यह है कि मंचीय कला रामलीला को प्रदर्शन का रूप देकर विजयादशमी में विजय का अर्थ बताते आ रहे है ।इसके बाद ही कागज से बने रावण का दहन किया जाता है।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीराम आश्विन शुक्ल दशमी को तारा उदय होने के समय को शुभकाल मानकर | शमी वृक्ष का पूजन करके जब युद्ध के लिए निकले तब शमी वृक्ष ने विजय का उद्घोष किया था| एक मान्यता ये भी है की विजयादशमी पर्व पर नीलकंठ पक्षी के दर्शन शुभदायी व भाग्य जगाने वाला माना जाता है |भगवान श्री राम जी ने नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए जाने के उपरांत रावण पर विजयी प्राप्त की थी | वर्तमान में नीलकंठ पक्षी के दशहरे पर दर्शन दुर्लभ होते है |रावण ज्ञानी ,महापराक्रमी शिव भक्त था | तप से उसे अमर होने का वरदान मिला था | उसकी नाभि में अमृत था | जिसका भेद सिर्फ विभीषण को पता था | रामायण के अनुसार भेद रहस्य विभीषण ने श्रीराम को बताया | जिसके भेदने के कारण वो भगवान श्रीराम के बाण से मारा गया| रावण के मरने के बाद रावण की ज्येष्ठ पत्नी मंदोदरी सहित कई रानियाँ वहां विलाप करने पहुँच गई थी | श्रीराम ने रावण के लिए (वाल्मीकि रामायण के अनुसार ) विभीषण को स्वर्गादि तथा उत्तम लोकों की प्राप्ति कराने वाला अन्तयेष्टि कर्म करने की आज्ञा दी | माल्या चंदन तथा अन्य प्रकार के चंदनों द्धारा बनाई गई चिता पर रावण का शव को सुलाकर विधिपूर्वक उसका दाहसंस्कार किया गया |विजय पर्व के रूप में विजयादशमी मनाते आरहे है |दशहरे पर मेला लगता है।जिसमे शमी पत्र,गुब्बारे, बाजे,बच्चो केखिलौने, चाट पकोड़ी की दुकान भी लगती है।कई स्थानों पर रावण की पूजा भी होती है |कागज के पुतले के रूप में रावण बनाकर उसका दहन किया जाता है |

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच