कविता

आशा-दीप सजाया है

जाता हुआ साल बहुत ले-देकर जाता है,
सुख-दुःख के झूले में हमें झूला झुलाता है,
2023 में भी उसकी यही तस्वीर दिखती रही,
हमें तो खूबसूरत लम्हों को सहेजना भाता है।
बनना चाहता था दोहता डॉक्टर, बन गया,
बड़ा पोता डॉक्टर बनने के लिए है तैयार,
छोटे पोते को है एक्टिंग-संगीत का शौक,
बस उसको अवसर मिलने की है दरकार।
इस वर्ष भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा लहराया,
हर क्षेत्र में अप्रतिम जीत का परचम फहराया,
दक्षिण ध्रुव पर पहुँच किए नवल रहस्योद्घाटन,
खूबसूरत लम्हों ने हर्षातिरेक को किया सवाया।
नया साल भी ऐसे अनेक खूबसूरत लम्हे लाएगा,
जाता हुआ साल नए साल का तोहफा दे जाएगा,
धुंध के बाद धूप का आना तो निश्चित होता ही है,
हमने नए साल के स्वागत हेतु आशा-दीप सजाया है।

— लीला तिवानी 

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244