कविता

प्रकाश पर्व

दुनिया भर में मनाया जाता है यह पर्व
दुनिया जिसे कहती है प्रकाश पर्व,
सिखों के पहले गुरु नानक देव जी की
जयंती का पर्व है प्रकाश पर्व।
यह पर्व हर व्यक्ति को साथ साथ रहने
अपने श्रम से कमाई करने की सीख देता है,
मन की  बुराइयों को दूर करने
और उसे सत्य, ईमानदारी, सेवाभाव से
प्रकाशित करने का संदेश देता है।
प्रकाश पर्व वाह्य रोशनी नहीं
अपने अंदर के अंधकार को
दूर करने के संकल्पों का दिन है।
पंद्रह अप्रैल चौदह सौ उन्चास को
पंजाब के तलवंडी में जन्मे
गुरु नानक देव जी की माँ का नाम
तृप्ता और पिता का नाम कल्याण चंद,
सिखों के लिए गुरु नानक देव जी की
जयंती का अति विशेष महत्व है।
गुरु नानक देव जी की जयंती को
प्रकाश पर्व कहने का प्रयोजन विशेष है
गुरु नानक देव जी ने अपना जीवन
समाज को समर्पित कर दिया था,
जात पात मिटाने और एकता के सूत्र में
बांधने का उपदेश दिया था।
समाज में ज्ञान फैलाने काम किया,
इसीलिए गुरु नानक देव जी की जयंती को
पावन प्रकाश पर्व का मान मिला।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921