कविता

अब हम सब मिलकर, खुशियां मनाए

अब हम सब मिलकर, खुशियां मनाए

नूतन सूर्य का, नए उमंग संग स्वागत करे

पर्व मनाए, जीवन के हर दिन हर पल का

कुछ नया, हर दिन करने की उमंग रहे
मांगे प्रभु से , कुछ ऐसा वरदान
रखें खुश हमेशा ,अपने सीमित साधनों मे

श्री मुख से कुछ , कटु वचन न निकलने पाए
वाद विवाद से दूर , निज पर संयम अपनाए
स्वागत में हों तत्पर हर पल,जो भी घर आए
तड़प रहे जो कष्टों में, पीड़ा उनकी हर जाए
वरदान यही देना, हे ईश्वर ,जग को सुख साधन दे पाए

— अनूप कुमार श्रीवस्तव

अनूप कुमार श्रीवास्तव

39 वर्षों की सेवा के बाद इलाहाबाद बैंक से मुख्य प्रबंधक के रूप में अवकाशप्राप्त। लखनऊ में निवास कर रहे हैं। मो.- 8795831256 ईमेल- anoopkumar1256@yahoo.com