कुण्डली/छंद

केजरीवाल चले ससुराल

सिसक रही हैं आतिशी, रोवें भारद्वाज
बिलखि रहे गोपाल जी, मान दिखें नाराज
मान दिखें नाराज, भारती पीटें छाती
ये शराब का नशा, बन गई साढ़ेसाती
कह सुरेश कुर्सी मुट्ठी से खिसक रही हैं
झाड़ू छाती पीट पीटकर सिसक रही है

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154