कविता

पाती प्रियवर क्यों लिखे

क्यों    लिखोगे   खत    हमको,
जब   दिल   में  तेरे  हैं  हरदम|
एहसास  में  मेरे  हर  वक्त  हो,
धड़कन  मेरी  हो  तुम  हमदम|

दृगों   के  कोरों  पर जो थम गई,
उन  अश्रु   को   तुम   बहने दो|
इश्क   में    वादा   क्या   करना
तुम   मेरे   हो   बस   रहने   दो|

तुम  कृष्ण बनो  और  मैं   राधा,
ऐसी  मेरी  कोई  ख्वाहिश  नहीं|
मैं   हिचकी  लूँ  तुम  याद  करो,
इससे ज्यादा कोई नुमाइश नहीं|

हार   चुकी    हूँ    दिल    अपना,
पर   इस   हार  में  भी  जीत गई|
मेरा   मुझमें    कुछ    नहीं   रहा,
तेरे    रंग    में    ही     रंग    गई|

— सविता सिंह मीरा

सविता सिंह 'मीरा'

जन्म तिथि -23 सितंबर शिक्षा- स्नातकोत्तर साहित्यिक गतिविधियां - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित व्यवसाय - निजी संस्थान में कार्यरत झारखंड जमशेदपुर संपर्क संख्या - 9430776517 ई - मेल - meerajsr2309@gmail.com