गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

बिगड़ी बात सँभाले कौन
मुँह पर रक्खे ताले कौन

सभी दूध के धुले हुए हैं
फिर करता घोटाले कौन

बंद हो गया मिलना जुलना
आखिर समय निकाले कौन

अब अपना परिवार हो गया
माँ बापू को पाले कौन

काम करो जीने की खातिर
देगा तुम्हें निवाले कौन

मार झेलने को मूसल की
ओखल में सिर डाले कौन

सबको अपनी पड़ी हुई है
जग में करे उजाले कौन

माली खुद बागों को लूटे
कलियों के रखवाले कौन

जग में ढूँढे लाखों कमियाँ
अपना मन खंगाले कौन

— रमा प्रवीर वर्मा

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३

Leave a Reply