भाषा-साहित्य

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज, साहित्यिक व्यक्तित्व और समाज पर प्रभाव।

परिचय
डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज, हरदा (मध्य प्रदेश) के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं, जिनकी रचनाएँ पिछले 30-32 वर्षों से देशभर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। उनकी लेखनी का दायरा व्यापक है—कहानियाँ, कविताएँ, लेख, और सामयिक विषयों पर आलेख, जो समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक और उपयोगी हैं।

साहित्यिक योगदान

उनकी रचनाएँ समाज के ज्वलंत मुद्दों—शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, पर्यावरण—पर केंद्रित रहती हैं।
वे मानते हैं कि लेखक का दायित्व है समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना, और उनकी लेखनी इसी उद्देश्य को लेकर चलती है।
सरल, स्पष्ट, और भावनात्मक भाषा उनकी विशेषता है, जिससे पाठकों के दिलों तक उनकी बात पहुँचती है।उनकी ग़ज़लें और कविताएँ प्रेम, विरह, और जीवन के अनुभवों की गहराई को छूती हैं, जिससे पाठक अपने आप को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
व्यक्तित्व की विशेषताएँ,,,,डॉ. शाह का व्यक्तित्व विनम्र, संवेदनशील और समाज के प्रति समर्पित है।
वे जीवन के अनुभवों, प्रकृति, और आम लोगों की कहानियों से प्रेरणा लेकर लिखते हैं।
अपने पेशेवर जीवन में वे डॉक्टर भी हैं, जिससे समाज सेवा का भाव और गहरा हो जाता है।
वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सांस्कृतिक विविधता को अपनी रचनाओं में स्थान देते हैं।समाज पर प्रभाव और सम्मानउनकी रचनाएँ समाज के हर वर्ग को जागरूक करने, सोचने और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और प्रकाशनों ने उन्हें प्रमाणपत्र व सम्मान देकर उनके योगदान को सराहा है।

उनके लेखन का प्रभाव यह है कि पाठक न केवल साहित्य का आनंद लेते हैं, बल्कि अपने जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन महसूस करते हैं।
डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज का साहित्यिक और सामाजिक योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी रचनाएँ न केवल समाज को दिशा देती हैं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी उजागर करती हैं। उनके व्यक्तित्व की सरलता, संवेदनशीलता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें एक प्रेरणादायी साहित्यकार बनाती है, जिनकी छवि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उज्ज्वल बनी रहेगी।

डॉ. मुश्ताक अहमद शाह की रचनाओं का समाज में सकारात्मक प्रभाव

  1. सामाजिक जागरूकता और संवेदनशीलता
    डॉ. शाह की रचनाएँ शिक्षा, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित हैं, जो समाज को जागरूक और संवेदनशील बनाती हैं। उनकी लेखनी ने लोगों को सोचने, समझने और बदलाव की दिशा में प्रेरित किया है।
  2. भावनात्मक सशक्तिकरण
    उनकी कविताएँ, ग़ज़लें और कहानियाँ प्रेम, विरह, दर्द और उम्मीद जैसे भावों को उजागर करती हैं, जिससे पाठकों को अपने अनुभवों को समझने और जीवन के संघर्षों से जूझने की प्रेरणा मिलती है।
  3. सकारात्मक सोच और प्रेरणा
    डॉ. शाह मानते हैं कि साहित्य समाज का आईना है और उनकी रचनाएँ पाठकों को सकारात्मक सोच, सहयोग और इंसानियत की ओर प्रेरित करती हैं। वे अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में आशा, खुशी और सफलता के भाव भी जगाते हैं।
  4. सांस्कृतिक समरसता
    उनकी रचनाओं में सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान झलकता है, जिससे सामाजिक समरसता और आपसी समझ को बढ़ावा मिलता है।
    युवा पीढ़ी को दिशा
    सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से उनकी रचनाएँ युवाओं तक पहुँच रही हैं, जिससे वे साहित्य और समाज के प्रति जागरूक हो रहे हैं तथा अपनी रचनात्मकता को निखारने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
    डॉ. मुश्ताक अहमद शाह की लेखनी ने समाज में संवेदनशीलता, जागरूकता, सकारात्मक सोच और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देकर समाज को एक नई दिशा दी है।

डॉ. मुश्ताक अहमद शाह की कविताओं के प्रेरक संदेश

  1. सामाजिक न्याय और समानता
    उनकी कविताएँ समाज में समान अधिकार, अवसर और न्याय की आवश्यकता को उजागर करती हैं, जिससे हर वर्ग को बराबरी का संदेश मिलता है।
  2. चुनौतियों से जूझने की प्रेरणा
    कविताएँ जीवन की कठिनाइयों का सामना करने, हार न मानने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का संदेश देती हैं, जिससे पाठकों में सकारात्मक सोच और साहस का संचार होता है।
  3. एकता और सहयोग
    उनकी रचनाएँ सामूहिकता, एकता और मिलजुलकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती हैं, जिससे सामाजिक बदलाव संभव होता है।
  4. अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज
    कविताओं में अन्याय, अत्याचार, और शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई जाती है, जिससे समाज में जागरूकता और बदलाव की भावना उत्पन्न होती है।
  5. सांस्कृतिक समरसता और मानवता
    उनकी कविताएँ सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करने, मानवता और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश देती हैं।

इन संदेशों के माध्यम से डॉ. शाह की कविताएँ समाज में सकारात्मक सोच, जागरूकता और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती हैं।

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

पिता का नाम: अशफ़ाक़ अहमद शाह जन्मतिथि: 24 जून जन्मस्थान: ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा, मध्य प्रदेश कर्मभूमि: हरदा, मध्य प्रदेश स्थायी पता: मगरधा, जिला हरदा, पिन 461335 संपर्क: मोबाइल: 9993901625 ईमेल: dr.m.a.shaholo2@gmail.com शैक्षिक योग्यता एवं व्यवसाय शिक्षा,B.N.Y.S.बैचलर ऑफ़ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस. बी.कॉम, एम.कॉम बी.एड. फार्मासिस्ट आयुर्वेद रत्न, सी.सी.एच. व्यवसाय: फार्मासिस्ट, भाषाई दक्षता एवं रुचियाँ भाषाएँ, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी रुचियाँ, गीत, ग़ज़ल एवं सामयिक लेखन अध्ययन एवं ज्ञानार्जन साहित्यिक परिवेश में रहना वालिद (पिता) से प्रेरित होकर ग़ज़ल लेखन पूर्व पद एवं सामाजिक योगदान, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल, मगरधा पूर्व प्रधान पाठक, उर्दू माध्यमिक शाला, बलड़ी ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी कम्युनिटी हेल्थ वर्कर, मगरधा साहित्यिक यात्रा लेखन का अनुभव: 30 वर्षों से निरंतर लेखन प्रकाशित रचनाएँ: 2000+ कविताएँ, ग़ज़लें, सामयिक लेख प्रकाशन, निरन्तर, द ग्राम टू डे, दी वूमंस एक्सप्रेस, एजुकेशनल समाचार पत्र (पटना), संस्कार धनी (जबलपुर),जबलपुर दर्पण, सुबह प्रकाश , दैनिक दोपहर,संस्कार न्यूज,नई रोशनी समाचार पत्र,परिवहन विशेष,समाचार पत्र, घटती घटना समाचार पत्र,कोल फील्ड मिरर (पश्चिम बंगाल), अनोख तीर (हरदा), दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद, नगर कथा साप्ताहिक (इटारसी) दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार, दैनिक जागरण, मंथन (बुरहानपुर), कोरकू देशम (टिमरनी) में स्थायी कॉलम अन्य कई पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित प्रकाशित पुस्तकें एवं साझा संग्रह साझा संग्रह (प्रमुख), मधुमालती, कोविड, काव्य ज्योति, जहाँ न पहुँचे रवि, दोहा ज्योति, गुलसितां, 21वीं सदी के 11 कवि, काव्य दर्पण, जहाँ न पहुँचे कवि (रवीना प्रकाशन) उर्विल, स्वर्णाभ, अमल तास, गुलमोहर, मेरी क़लम से, मेरी अनुभूति, मेरी अभिव्यक्ति, बेटियां, कोहिनूर, कविता बोलती है, हिंदी हैं हम, क़लम का कमाल, शब्द मेरे, तिरंगा ऊंचा रहे हमारा (मधुशाला प्रकाशन) अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा, तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी (जील इन फिक्स पब्लिकेशन) व्यक्तिगत ग़ज़ल संग्रह: तुम भुलाये क्यों नहीं जाते तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें तेरा इंतज़ार आज भी है (नवीनतम) पाँच नए ग़ज़ल संग्रह प्रकाशनाधीन सम्मान एवं पुरस्कार साहित्यिक योगदान के लिए अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त पाठकों का स्नेह, साहित्यिक मंचों से मान्यता मुश्ताक़ अहमद शाह जी का साहित्यिक और सामाजिक योगदान न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे हिंदी-उर्दू साहित्य जगत के लिए गर्व का विषय है। आपकी लेखनी ने समाज को संवेदनशीलता, प्रेम और मानवीय मूल्यों से जोड़ा है। आपके द्वारा रचित ग़ज़लें और कविताएँ आज भी पाठकों के मन को छूती हैं और साहित्य को नई दिशा देती हैं।