कविता

सेदोका कविताएँ …

उड़ो परिंदे !

पा लो ऊँचे शिखर

छू लो चाँद -सितारे,

अर्ज़ हमारी-

इतना याद रहे

बस मर्याद रहे !

जो तुम दोगे

वही मैं लौटाऊँगी

रो दूँगी या गाऊँगी ,

तुम्हीं कहो न

बिन रस ,गागर

कैसे छलकाऊँगी ?

सज़ा दी मुझे

मेरा क्या था गुनाह

फिर मुझसे कहा

अरी कविता

गीत आशा के ही गा

तू भरना न आह !

आई जो भोर

बुझा दिए नभ ने

तारों के सारे दिए

संचित स्नेह

लुटाया धरा पर

किरणों से छूकर  ।

मन -देहरी

आहट सी होती है

देखूँ, कौन बोलें हैं ?

आए हैं भाव

संग लिये कविता

मैंनें द्वार खोले हैं ।

अकेली चली

हवा मन उदास

कितनी दुखी हुई

साथी जो बने

चन्दन औ’ सुमन

सुगंध सखी हुई ।

मन से छुआ

अहसास से जाना

यूँ मैंने पहचाना

मिलोगे कभी

इसी आस जीकर

मुझको मिट जाना ।

बूँद-बूँद को

समेट कर देखा

सागर मिल गया

मैं सींच कर

खिला रही कलियाँ

चमन खिल गया ।

जीवन-रथ

विश्वास प्यार संग

चलते दो पहिये

समय -पथ

है सुगम ,दुखों की

बात ही क्या कहिए ।

१०

मेरे मोहना
उस पार ले चल
चलूँगी सँभलके
दे  ज्ञान दृष्टि

मिटे अज्ञान सारा

ऐसे मुझे मोह ना ।

११

गीत बनेंगे

बस दो मीठे बोल,

सच्चे मीत बनेंगे

पथ में तेरे

उजियारे फैलाते

नन्हें दीप बनेंगे ।

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

परिचय : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0) शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि ( लब्ध स्वर्ण-पदक )एवं पी-एच 0 डी0 शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन । प्रकाशन : 'ओस नहाई भोर'(एकल हाइकु-संग्रह), 'महकी कस्तूरी'(एकल दोहा-संग्रह), 'तुमसे उजियारा है' (एकल माहिया-संग्रह) । अन्य प्रकाशन - ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह), हिन्दीहाइकुप्रकृति-काव्यकोश,, डॉसुधागुप्ताकेहाइकु मेंप्रकृति( अनुशीलनग्रन्थ),हाइकु –काव्यशिल्पएवंअनुभूति,समकालीनदोहाकोशमेंरचनाएँप्रकाशित।विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल, अनुभूति, अविराम साहित्यिकी, रचनाकार, समृद्ध सुखी परिवार,सादर इंडिया, उदंती, लेखनी, शोध दिशा, राजभाषा आश्रम सौरभ , यादें, अभिनव इमरोज़, सहज साहित्य, त्रिवेणी, हिंदी हाइकु, लघुकथा . कॉम, साहित्य कुञ्ज, विधान केसरी, प्रभात केसरी, नूतन भाषा-सेतु,नेवा: हाइकु, सरस्वतीसुमन आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका,चोका,गीत,माहिया,दोहा, कुंडलियाँ, घनाक्षरी, ग़ज़ल, बाल कविताएँ, समीक्षा, लेख, क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन । ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in सम्प्रति : स्वतन्त्रलेखन सम्पर्क :एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला- वलसाड, गुजरात (भारत ) पिन- 396191 e-mail [email protected] [email protected]

8 thoughts on “सेदोका कविताएँ …

  • जगदीश सोनकर

    ये लघु कवितायेँ अच्छी हैं. पढ़कर मन प्रसन्न हो गया.

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      आपकी प्रतिक्रिया सुखद एवं प्रेरक है ..
      हृदय से धन्यवाद आपका !
      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

  • रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

    जापान की ताँका शैली में आपकी सभी रचनाएँ प्रभावशाली हैं । इस ताँका की अभिव्यक्ति सराहनीय है-

    मैं मृण्मयी हूँ /नेह से गूँथ कर/तुमने रचा,/अपना या पराया/अब क्या मेरा बचा |

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      विधा पर भी प्रकाश डालती आपकी प्रतिक्रिया अनमोल है मेरे लिए ,बहुत आभार , स्नेहाशीष रहे आपका !
      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

  • रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

    सभी सेदोका मन को छू गए , लेकिन यह सेदोका बहुत भाया-

    जो तुम दोगे

    वही मैं लौटाऊँगी

    रो दूँगी या गाऊँगी ,

    तुम्हीं कहो न

    बिन रस ,गागर
    कैसे छलकाऊँगी

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      बहुत आभार आदरणीय !

  • विजय कुमार सिंघल

    सुन्दर कवितायेँ. शब्दों का चयन प्रशंसनीय है.

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      रचनाओं पर प्रेरक उपस्थिति के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय ,इसी भाव की सदा आकांक्षा करती हूँ !
      सादर
      ज्योत्स्ना शर्मा

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