मुद्रा का पति सोना है
मुद्रा
सोने की छाया है
मुद्रासफरनामा में
देश की जनता के लिए
माया है
जो
मोह के कारण संग्रह करते है
बैंकों के ब्याज की
मोहजाल नीति के कारण
{दोगुना करने} अधिक संग्रह करने का स्वप्न
देखता है।
जन्मतिथि :01.07.1960
शहर/गाँव:पाटन जबलपुर
शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा
लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की
अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है।
शौक :हिंदी सेवा
सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक