धन्यवाद एडीसन
आदरणीय थॉमस अल्वा एडीसन जी,
जन्मदिन मुबारक हो,
आज आपका जन्मदिन है. आपका जन्म 11 फरवरी 1847 को हुआ. आप बचपन से ही कुशाग्र, जिज्ञासु वृत्ति वाले अध्यवसायी माने जाते रहे हैं. छः वर्ष तक आपकी माताजी ने आपको घर पर पढ़ाया. आप एक हजार से भी अधिक आविष्कार करने वाले इतने महान व्यक्तित्व वाले थे, कि हमें विश्वास ही नहीं होता, कि आप सिर्फ़ तीन महीने ही स्कूल में पढ़ने गए. आप एक अमरीकी व्यापारी थे, लेकिन हम आपको एक महान आविष्कारक के रूप में अधिक जानते-मानते हैं. आपके जमाने में तो मिट्टी के तेल दीपक या लैंप जलाकर ही सब काम किए जाते होंगे. हमने भी गांवों में कुछ समय तक ऐसे ही पढ़ाई की है, लेकिन आपके एक आविष्कार विद्युत बल्ब का कोई सानी नहीं. एक बल्ब जलते ही पूरा कमरा रोशन हो जाता है. आपने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेक युक्तियां विकसित कीं, जिनसे संसार भर में लोगों के जीवन में भारी बदलाव आये. आप “मेन्लो पार्क के जादूगर” के नाम से प्रख्यात हुए. आप भारी मात्रा में उत्पादन के सिद्धान्त एवं विशाल टीम को लगाकर अन्वेषण-कार्य को आजमाने वाले पहले अनुसंधानकर्ता बने. इसलिये आपको ही प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है. अमेरिका में अकेले 1093 पेटेन्ट कराने वाले आप विश्व के सबसे महान आविष्कारकों में गिने जाते हैं. हमारे जीवन को अत्यंत सुविधाजनक व मनोरंजन से पूर्ण बनाने के लिए आपके कोटिशः धन्यवाद.
आपके चाहने वाले हम सब
एडीसन एक महान शखसीअत के माल्क थे .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
थॉमस अल्वा एडीसन विद्युत बल्ब का आविष्कार करते समय 10000 बार असफल होकर भी घबराए नहीं. उनका कहना था, कि मैंने 10000 ऐसे तरीके खोज लिए हैं, जो व्यर्थ हैं. इसी लगन के कारण वे इतने महान वैज्ञानिक बन सके.