कविता

भारत भाग्य विधाता

वह असमंजस में था
चारों ओर छाए थे उसके
निराशा के घनघोर काले बादल
दुविधा में पड़ गया था वह
उसके एक ओर कुंआ था
तो दूसरी ओर खाई
एक ओर कोरोना से मरने का डर
तो दूसरी ओर भूख का भय
वह करे तो क्या करे?
जाए तो कहां जाए?
अपने पैतृक गांव
जिसे वह छोड़ आया था
बरसों पहले
चला आया था शहर
रोजी-रोटी की तलाश में
बनाए थे उसने यहां लाखों आशियाने
अपने इन्हीं खुरदरे हाथों से
मगर उसे ही नसीब नहीं
एक टूटी-फूटी छत सिर छिपाने को
आज जब उसे सबसे ज्यादा जरूरत थी
इस शहर में एक सहारे की
तब दुत्कार रहा था वही
जिसे उसने ही सजाया-संवारा था
अपने खून-पसीने से
आज़ वही चक्की के दो पाटों के बीच
पिस रहा था और सोच रहा था
वह आज भी असमंजस में था
जाए तो जाए कहां?
करे तो करे क्या?
इसी असमंजस में निकल पड़ा वह
पैदल ही अपने परिवार के साथ
अपना घर सिर पर उठाए
एक हाथ की अंगुली पकड़े बच्चा
दूसरे हाथ में टूटी-फूटी साइकिल
दो-चार एल्यूमीनियम के बर्तन और
कुछ फटे-पुराने चीथड़ेनुमा कपड़ों की
पोटली उठाए उसकी पत्नी
बस यही तो थी उसकी जमा पूंजी
जिसे साथ लिए जा रहा था वह
वहीं, जहां से आया था
जैसे आया था, उससे भी बदतर हालत में
सहसा प्रश्न उठा कि
कौन था वह?
वह था भारत का भाग्य विधाता
सबके लिए रोटी, कपड़ा और मकान का निर्माता
बना नहीं पाया तो बस अपने लिए ही कुछ
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
नाम है उसका मजदूर!
— सरिता सुराणा

सरिता सुराणा

पति : बिमल सुराणा शिक्षा : बी. ए. ( राजस्थान विश्वविद्यालय , जयपुर ) लेखन विधा : कहानी , व्यंग्य , निबंध , लघुकथा , कविता , संस्मरण , पत्र - लेखन एवं समीक्षा आदि । प्रकाशन : कादम्बिनी , सरिता , गृहशोभा , संकल्य , पुष्पक , भास्वर - भारत , अणुव्रत , युवादृष्टि , जैन भारती , राष्ट्रधर्म , प्रेरणा - अंशु , सरस्वती सुमन , इंडिया टुडे आदि । जागती जोत , हथाई एवं नैणसी आदि राजस्थानी भाषा की पत्रिकाएं । राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण एवं लोकमत आदि समाचारपत्रों में रचनाएं प्रकाशित।अनेक ऑनलाइन पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। पुरस्कार : कादम्बिनी युवा व्यंग्य प्रतियोगिता 2004 , प्रथम पुरस्कार युद्धवीर स्मारक कहानी प्रतियोगिता 2004 , प्रथम पुरस्कार युद्धवीर स्मारक व्यंग्य प्रतियोगिता 2005 , 2007 , प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार युद्धवीर स्मारक कविता प्रतियोगिता 2008 प्रथम पुरस्कार युद्धवीर स्मारक लेख प्रतियोगिता 2009 एवं 2013 प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार महारानी झांसी पुरस्कार , 2015 , भारतीय संस्कृति निर्माण परिषद द्वारा अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित " आचार्य श्री महाश्रमण व्यक्तित्व एवं कृतित्व " निबंध प्रतियोगिता - द्वितीय पुरस्कार, 2012 अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता " क्या कहता है जैन लोगों " में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त । अणुव्रत समिति , नई दिल्ली द्वारा नशामुक्ति पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त जैन विद्या विशारद परीक्षा तथा आगम मंथन प्रतियोगिता ( सूयगडो एवं दसवेआलियं ) में विशिष्ट पुरस्कार । कई अन्य लेख एवं पत्र पुरस्कृत । प्रकाशित कृति- ' मां की ममता ' कहानी-संग्रह, काव्य संग्रह एवं लघुकथा संग्रह प्रकाशन के क्रम में। विशेष- आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर काव्य पाठ, परिचर्चा में शामिल। संस्थाओं से संबद्धता : कादम्बिनी क्लब , हैदराबाद , संगोष्ठी संयोजिका सांझ के साथी साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति , हैदराबाद अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन ,प्रयाग , आंध्र प्रदेश महिला विभाग , आजीवन सदस्य ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, नई दिल्ली, सदस्य अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, सदस्य भारतीय जैन संघटना , महिला विभाग जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महिला मंडल , हैदराबाद , आजीवन सदस्य जैन सेवा संघ , महिला विभाग , आजीवन सदस्य जैन वूमेन फोरम , हैदराबाद-सिकन्दराबाद मारवाड़ी महिला संगठन, आजीवन सदस्यता। अन्य अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से संबद्धता। पूर्व सब एडिटर डेली हिन्दी मिलाप, हैदराबाद। सम्प्रति : फीचर एडिटर डेली 'शुभ लाभ', हैदराबाद Email :sarritasurana@gmail.com Mob : 9177619181