कविता

पिता का जीवन में महत्व

(पितृ दिवस पर विशेष)
संघर्ष का दूसरा नाम है पिता
बचपन से जो हमें सपने दिखाए वो है पिता
ऊँगली पकड़कर जो चलना सिखाये वो है पिता
हमारी जागीर और जमीर है पिता
ऊपर से डाट दिखाता और अंदर ही अंदर रोता वो है पिता
जाग कर सारी  रात ख्बाब बुनता वो है पिता
जिसने यह हरा भरा संसार दिखाया वो है पिता
अच्छे बुरे  का ज्ञान कराया वो है पिता
सही गलत का रास्ता दिखाया वो है पिता
मंजिलो को छूना सिखाया वो है पिता
अपनी जरूरतों को काटकर हमारी मांगो को पूराकर
हसंता रहता वो है पिता
जब डर  लगे तो हिम्मत दिखाए वो है पिता
जो सपने हमने देखे उनको पूरा करने मैंने करता मदद वो है पिता
अपनी जवानी बच्चो पर लुटाता वो है पिता
हमारा वजूद बताता वो है पिता
भगवान से बढ़कर होता है पिता
अपने दुःख को छुपाकर बच्चो को हसाता वो है पिता
अगर पिता न हो तो
सूना है सँसार
माँ बाप के चरणों में ही
स्वर्ग का अहसास है
पिता की महानता को
शत शत  प्रणाम है
— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384