रोड शो- 8: बातें आंखों की
अभी हाल ही में हमने आपको इंग्लैंड के गुरमेल भमरा की रचना आँखें (कहानी) पढ़वाई थी. इस कहानी में हमने आपको बताया था, कि प्याज के रस से आंखों की रोशनी वापिस आ सकती है. विस्तार से जानने के लिए आप हमारा ब्लॉग ”पाठक की कलम से- 3” पढ़ सकते हैं. नेत्रदान को प्रेरित करती यह लाजवाब कहानी आप सबने बहुत पसंद भी की थी. आज आंखों के बारे में कुछ और बातें.
आंखें हमारे जीवन के लिए कितनी महत्त्वपूर्ण हैं, इससे आप सब भलीभांति परिचित हैं. आंखों के बिना हम दुनिया की रौनक नहीं देख सकते. आंखों की सुंदरता के लिए हम काजल-सुरमा भी लगाते हैं. फैशन के कारण हम आंखों की रोशनी तक गंवा सकते हैं, यह कभी सपने में भी किसी ने नहीं सोचा होगा, लेकिन सचमुच ऐसा हुआ है.
रोंडोनिया (ब्राजील) के पोर्टो वेलहो में एक महिला ब्यूटी सैलून में एक महिला नकली पलकें लगवा रही थी, इसी बीच एक अनहोनी हो गई. जिस गोंद से उसकी आंखों पर नकली पलकें चिपकाई जा रही थीं, वो गलती से उसकी आंख में गिर गया और उसकी एक आंख की रोशनी चली गई, दूसरी से भी कम दिखने लगा. फैशन, बन गया दुश्मन!
इसी तरह एक और वाकया पेरिस में हुआ. इस वाकये में बंदे की नौकरी चली गई. बंदा टैटू का शौकीन था. बंदे ने अपनी आंखों में टैटू गुदवा लिया था, जिसके बाद उसे स्कूल की जॉब छोड़नी पड़ गई. Sylvain Helaine की उम्र 35 वर्ष है. वो Docteur Morere Elementary School में पढ़ाते थे. एक बच्चा उनका लेटेस्ट टैटू देखकर बुरी तरह डर गया. पूरे शरीर पर टैटू वाले उस बंदे ने आंखों को पूरा काला करवा दिया था. नौकरी हाथ से निकल जाने पर उन्हें अपने फैशन पर बहुत पछतावा हुआ. लीजिए फिर से फैशन, बन गया दुश्मन!
अब आंखों के भावों पर एक पौराणिक कथा-
प्रेम को समझने के लिए शब्दों या सूरत की जरूरत नहीं है, सच्चे प्रेम को सिर्फ आंखों के भावों से भी पहचाना जा सकता है
महाभारत में एक प्रेम कथा आती है. ये कहानी है राजा नल और उनकी पत्नी दमयंती की. ये कथा हमें बताती है कि प्रेम को किसी शब्द और भाषा की आवश्यकता नहीं है. प्रेम को केवल नजरों की भाषा से भी पढ़ा जा सकता है.
नल निषध राज्य का राजा था और दमयंती विदर्भ राज भीमक की बेटी थी.जो लोग इन दोनों राज्यों की यात्रा करते वे नल के सामने दमयंती के रूप और गुणों की प्रशंसा करते और दमयंती के सामने राजा नल की वीरता और सुंदरता का वर्णन करते। दोनों ही एक-दूसरे को बिना देखे, बिना मिले ही प्रेम करने लगे. एक दिन राजा नल को दमयंती का पत्र मिला. दमयंती ने उन्हें अपने स्वयंवर में आने का निमंत्रण दिया. यह भी संदेश दिया कि वो नल को ही वरेंगी.
सारे देवता भी दमयंती के रूप सौंदर्य से प्रभावित थे. जब नल विदर्भ राज्य के लिए जा रहे थे तो सारे देवताओं ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। देवताओं ने नल को तरह-तरह के प्रलोभन दिए और स्वयंवर में न जाने का अनुरोध किया ताकि वे दमयंती से विवाह कर सकें. नल नहीं माने. सारे देवताओं ने एक उपाय किया, सभी नल का रूप बनाकर विदर्भ पहुंच गए. स्वयंवर में नल जैसे कई चेहरे दिखने लगे. दमयंती भी हैरान थी. असली नल को कैसे पहचाने. वो वरमाला लेकर आगे बढ़ी, उसने सिर्फ स्वयंवर में आए सभी नलों की आंखों में झांकना शुरू किया.
असली नल की आंखों में अपने लिए प्रेम के भाव पहचान लिए. देवताओं ने नल का रूप तो बना लिया था लेकिन दमयंती के लिए जैसा प्रेम नल की आंखों में था वैसा भाव किसी के पास नहीं था. दमयंती ने असली नल को वरमाला पहना दी. सारे देवताओं ने भी उनके इस प्रेम की प्रशंसा की. कथा समझाती है कि चेहरे और भाषा से कुछ नहीं होता. अगर प्रेम सच्चा है तो वो आंखों से ही झलक जाएगा. उसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. प्रेम की भाषा मौन में ज्यादा तेज होती है.
आंखों पर मुहावरे और लोकोक्तियां अर्थ सहित-
1.आँख का तारा होना : बहुत प्यारा होना
2.आँखों में चमक होना : बहुत खुश होना
3.आँख उठाकर न देखना : ध्यान न देना
4.आँखों की किरकिरी होना : किसी की उपस्थिति का खटकना
5.आँखों का तेल निकलना : बहुत महीन काम करना
6.आँख चुराना : छिपना
7.आँखें तरसना : देखने के लिए लालायित होना
8.आँख लगना : नींद लगना
9.आँखें बिछाना : प्रतीक्षा करना
10.फूटी आँख न सुहाना : नापसंद होना
11.आँखों में समाना : दिल में बस जाना
12.आँख उठाकर देखना : देखने का साहस करना
13.आँखें सेकना : सुंदर वस्तु को देखते रहना
14.आँख दिखाना : गुस्से से देखना
15.आँखों में धूल झोंकना : धोखा देना
आंख: कुछ तथ्य
आप आंखें खोलकर कभी नहीं छींक सकते.
नहीं बढ़ता है आंखों का साइज,जन्म से शरीर के सभी अंगों का विकास होता है पर आँखें कभी नहीं बढ़तीं.
ऊंट की होती है तीन पलकें.
अद्भुत सुर्खी-
ऑस्ट्रेलिया में मिली 8 आंखों वाली ‘डरावनी’ मकड़ी, घर के नजदीक देख दहशत में आई महिला
आंखों देखी कानों सुनी बातों पर अक्सर हम विश्वास करते हैं, पर 1958 की फिल्म ‘डिटेक्टिव’ का एक गाना कहता है-
आँखों पे भरोसा मत कर, दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ एक धोखा, हर बात यहाँ बेमेल है
आंख: एक अनमोल वचन-
दुख इसलिए आते हैं,
कि शायद हमारी आंखों को आंसुओं से धुलने की ज़रूरत है,
ताकि हम दुनिया को स्पष्ट रूप से देख सकें.
आंखों पर फिल्मी गाने
1) आंखों की गुस्ताख़ियां माफ़ हों – फिल्म हम दिल दे चुके सनम
2) आंखों में तेरी अजब सी अदाएं हैं – फिल्म ओम शांति ओम
3) तेरे नैना बड़े दगाबाज़ रे – फिल्म दबंग 2
4) सुरीली अंखियों वाले सुना है तेरी अंखियों में – फिल्म वीर
5) कत्थई आंखों वाली एक लड़की – फिल्म डुप्लीकेट
6) तेरे मस्त-मस्त दो नैन – फिल्म दबंग
7) तेरे नैना हंस दिए – फिल्म चांदनी चौक टु चाइना
8) तेरी काली अंखियों से जिंद मेरी जागे – फिल्म माय नेम इज़ खान
9) ये काली-काली आंखें – फिल्म बाज़ीगर
10) आंखों ने तुम्हारी – फिल्म इश्क़ विश्क
11) आंखें भी होती हैं दिल की ज़ुबां – फिल्म हासिल
12) आंखों आंखों में बात होने दो-आंखों आंखों में
आंखों के पर्यायवाची शब्द-
लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि
जिसको दिखाई न देता हो, उसे हम दृष्टिहीन कहते हैं, आजकल उन्हें दृष्टिबाधित कहा जाता है.
दृष्टिबाधित लोगों के पढ़ने के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार दृष्टिबाधित ब्रेल ने किया था, इसलिए उसे ब्रेल लिपि कहते हैं.
आज बस यहीं तक. आंखों की बातें तो खत्म होने वाली ही नहीं हैं. कुछ आपके लिए भी तो छोड़ना है न!
निगेहबान है आँखें————-
उस मुल्क की सरहद को – Us Mulk Ki Sarhad Ko (Md.Rafi, Ankhen)
Movie/Album: आँखें (1968)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें
हर तरह के जज़्बात का ऐलान हैं आँखें
शबनम कभी, शोला कभी, तूफ़ान है आँखें
आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती
तुलता है बशर जिसमें वो मीज़ान है आँखें
आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को
अनजान हैं हम-तुम, अगर अनजान है आँखें
लब कुछ भी कहें, उससे हक़ीक़त नहीं खुलती
इंसान के सच-झूठ की पहचान है आँखें
आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे
दुनिया में बड़ी चीज़, मेरी जान है आँखें
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान है आँखें