खबर-बेखबर
बीजेपी ‘अछूत’ नहीं है, भाईजान! बीजेपी ‘बू’ से नहीं, ‘बी’ से शुरू होती है ! कहना तो यही है, किन्तु-परंतु….
क्षेत्र के सुयोग्य शिक्षक और अब भी कई प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित हो रहे मेधावी परीक्षार्थी एवं तकनीकी क्षेत्र में कई ‘एप’ के अन्वेषक श्रीमान एम. ए. कलाम जी ने “पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद” और “लव इन डार्विन” की समीक्षा लिख भेजे हैं…. कलाम साहब के प्रति हृदयश: आभार और आपके स्वर्णिम भविष्यार्थ शुभकामनाएं !
अपने अभिन्न मित्र व प्यारे अधिवक्ता -सखा तथा आकाशवाणी, पूर्णिया में कई कार्यक्रमों में प्रस्तोता, रेडियो जॉकी व रेडियो संवाददाता श्री अनंत कुमार वर्मा के हाथों पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद और लव इन डार्विन को देख मुझे उसी भाँति की प्रसन्नता हो रही है, जैसे- किसान को लहलहाते खेत देखकर होते होंगे ! मित्र अनंत को ‘अनंत’ हृदयवाद !
नीतीश जी ने बिहार के लिए इन 15 वर्षों में जितने देने थे, दे दिए !
अब राज्य को युवाओं को सौंप अभिभावक और केंद्र की भूमिका निभाएं! श्रीमान उपेंद्र कुशवाहा ठीक कहते हैं कि श्रीमान नीतीश कुमार को अब CM पद छोड़कर केंद्रीय भूमिका निभाना चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा बिहार को जितना देना था, दे दिया गया है । अब अपने अनुभव को वे सम्पूर्ण देश के साथ साझा करें, तो बेहतर रहेगा !
मत्स्य यानी मछली या दूसरे जीवों को मारकर खाने से बुद्धि अगर विकसित होती, तो तमाम मांसाहार प्राणियों की प्रजातियाँ विलुप्त नहीं होती, न ही विलुप्ति के कगार पर होती ! सृष्टि का सर्वोत्तम आहार ‘शाकाहार’ है और शाकाहारी प्रजातियाँ ही सृष्टि तक सुरक्षित और संरक्षित रह सकती है!