कविता

आया मधुमास

नव कोंपलों से सजी डाली-डाली,
मखमली दूब, मृदुल हरियाली,
मधुमास छटा, विहंगम रूप,
झूमे, गाये कलियाँ अलबेली।।
रंग बिरंगी तितलियां इठलाती,
फूलों संग पवन फिजां महकाती,
प्रेमगीत गुंजन करे भ्रमर गुनगुन,
मस्तानी अदा, प्रेमरस छलकाती।।
नवरंग, नवतरंग खिले मन में,
प्रेमपुष्प सुरभित प्रणयी दिल में,
प्रिय स्वागत पुलक अधीर हॄदय,
रुमझुम पायलिया छमछम बहके।।
प्रीत मिलन बसंत ऋत चहकती,
पिया रंग जिया रंग जाए बसंती,
सोलह श्रृंगार कर सजधज रूपसी,
साजन संग चली पिया देश शरमाती।।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८