मुक्तक/दोहा मुक्तक डॉ. अ. कीर्तिवर्द्धन 21/04/2022 समर्पण हो हमारा सदा प्रभु के चरणों में, अर्पण हो सर्वस्व अपना प्रभु के चरणों में। दुख में भी ख़ुश रहें सुख में उसे भूलें नही, तर्पण अहंकार का करें प्रभु के चरणों में। — अ कीर्ति वर्द्धन